मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को दिखाया स्वामी आत्मानंन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल

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छत्तीसगढ़ का यह एक नायाब एजुकेशन मॉडल है और इस मॉडल की उपलब्धि पूरे देश तक पहुंचनी चाहिए : श्रीमती रागिनी

रायपुर, 06 सितंबर 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज निवास स्थान में आयोजित तीजा पोरा तिहार में सम्मिलित होने आईं राष्ट्रीय प्रवक्ताओं को शासन की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत संचालित स्वामी आत्मानंन्द अंग्रेजी माध्यम स्कूल का भ्रमण करवाया । इस अवसर पर श्रीमती अल्का लाम्बा, श्रीमती रागिनी नायक, श्रीमती सुप्रिया श्रीनाते, श्रीमती राधिका खेड़ा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन और महापौर श्री एजाज ढेबर भी उपस्थित थे ।
श्रीमती लाम्बा ने इस अवसर पर अपने फेसबुक प्रोफाइल पर लाइव आकर अपने फेसबुक मित्रों को पूरे स्कूल की आधारभूत संरचनाओं और छात्रों को उपलब्ध सुविधाओं से रूबरू कराया । उन्होंने डिजिटल क्लासरूम्स, अत्याधुनिक लेबोरेटरी, लाइब्रेरी, आरओ युक्त पेयजल, स्टेडियम और सभी मूलभूत सुविधाएं का निरीक्षण किया । प्रवक्ताओं ने वहाँ उपस्थित छात्र-छात्राओं से स्कूल में मिलने वाली सभी सुविधाओं की जानकारी ली साथ ही मुख्यमंत्री की उपस्थिति में उनकी अन्य आवश्यकताओं पर भी चर्चा की ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में गरीब परिवारों की संख्या बहुत अधिक है और हर परिवार का मुखिया चाहता है कि उनका बच्चा अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ें । परन्तु आर्थिक विसंगतियों के कारण उनके पास फीस जमा करने के भी पैसे नहीं होते । तब हमारी सरकार ने यह निर्णय लिया कि हर ब्लॉक में इस तरह के अत्याधुनिक स्कूल खोले जाएँ जिसके परिणामस्वरूप अब तक 172 स्कूल प्रारंभ किए जा चुके हैं । यहां इंग्लिश शिक्षा के अनुरूप प्रशिक्षित स्टाफ, अत्याधुनिक लाइब्रेरी, लेबोरेटरी एवँ स्मार्ट क्लासरूम्स बनाये गए हैं । मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मुझे बताते हुए अत्यधिक प्रसन्नता हो रही है कि प्राइवेट स्कूल में जो बच्चे पढ़ रहे थे अब उनके अभिभावकों ने उनका दाखिला भी यही कराया है । यहाँ लगभग 650 सीटों के लिए 35 सौ आवेदन प्राप्त हुए थे । किसी शासकीय स्कूल में इतनी मात्रा में आवेदन आएंगे ये किसी ने नहीं सोचा था परंतु प्रशासनिक अधिकारियों, यहां के प्राचार्य तथा स्टॉफ ने जो उल्लेखनीय कार्य किया यह उसी का परिणाम है कि अब यहां एडमिशन के लिए होड़ लगी हुई है । सीटों के आबंटन में पूरी पारदर्शिता का ध्यान रखते हुए पहले आओ पहले पाओ तथा लॉटरी सिस्टम की तर्ज पर बच्चों का दाखिला कराया गया है ।
श्रीमती सुप्रिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों की हालत बहुत दयनीय है मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि यह एक सरकारी स्कूल है । मैं चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश सरकार इससे प्रेरणा ले और देखे कि आने वाली पीढ़ियों को कैसी शिक्षा दी जानी चाहिए । यह वाकई काबिले तारीफ मॉडल है और यह अकेला मॉडल स्कूल नहीं है छत्तीसगढ़ में ऐसे अनेक मॉडल स्कूल हैं ।
श्रीमती रागनी ने कहा कि यहां इंफ्रास्ट्रक्चर की बात हो या लाइब्रेरी में पुस्तकों की उपलब्धता या फिर चाहे स्मार्ट क्लासरूम की बच्चों को प्रत्येक अत्याधुनिक तकनीक से शिक्षा एक सरकारी स्कूल में उपलब्ध हो रही है ।उन्होंने कहा कि मैं समझती हूं छत्तीसगढ़ का यह एक नायाब एजुकेशन मॉडल है और इस मॉडल की उपलब्धि पूरे देश तक पहुंचनी चाहिए ।

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