संसदीय लोकतंत्र में जवाबदेही सबसे महत्वपूर्ण: मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह

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JOGI EXPRESS

रायपुर : संसदीय लोकतंत्र में जवाबदेही सबसे महत्वपूर्ण: डॉ. रमन सिंह : मुख्यमंत्री ने शीतकालीन सत्र के समापन पर सभी के प्रति जताया आभार

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रायपुर,मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज विधानसभा , के शीतकालीन सत्र के समापन के अवसर पर कहा कि संसदीय लोकतंत्र में जवाबदेही सबसे महत्वपूर्ण है। इसी वजह से लोगों का विश्वास व्यवस्था में कायम रहता है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष, मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों और विधानसभा के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने सुनने, समझने और समझाने की अपनी शांतिपूर्ण परंपरा को इस सत्र में भी बरकरार रखा है। एक सफल, सार्थक और सकारात्मक सत्र सबके सहयोग से संपन्न हुआ। सत्र के दौरान आधा दर्जन विधेयकों के साथ तृतीय अनुपूरक बजट चर्चा के बाद पारित किया गया और अविश्वास प्रस्ताव जैसे महत्वपूर्ण कार्य पूरे किये गए। सदन ने बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के उपाध्यक्ष और सभापति तालिका के सदस्यगण, नेताप्रतिपक्ष, मंत्रीपरिषद के मेरे सहयोगी, सत्तापक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्य लगातार सक्रिय रहे और सहयोग और मार्गदर्शन के लिए उपलब्ध रहे। मैं सबका हृदय से आभारी हूं। डॉ. सिंह ने विधानसभा सचिव, उनके सहयोगी, मुख्य सचिव और उनके सहयोगियों तथा मीडिया को सत्र के दौरान सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने
छत्तीसगढ़ की जनता को नये वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए, सबकी प्रगति, समृद्धि, सुख-शांति, समरसता की कामना की।
विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि असहमति के मध्य सहमति की संभावनाओं को तलाशना ही संसदीय लोकतंत्र की विशिष्टता है। उन्होंने सत्र के सफल संचालन के लिए मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, मंत्रिमंडल के सदस्यों और विधानसभा के सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि चतुर्थ विधानसभा के चौदहवें सत्र के दौरान कुल चार बैठकों में लगभग 37 घंटे 35 मिनट चर्चा हुई। चार बैठकों में 38 प्रश्न सभा में पूछे गए। इस सत्र में 296 तारांकित प्रश्न तथा 293 अतारांकित प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई। ध्यानाकार्षण की कुल 199 सूचनाएं प्राप्त हुई जिसमें 35 सूचनाएं ग्राह्य हुई और छह सूचनाओं पर सदन में चर्चा हुई तथा 18 सूचनाएं पढ़ी हुई मानी गई एवं 36 सूचनाएं नियम 267 ‘क‘ की सूचना के रूप में परिवर्तित हुई। इस सत्र में स्थगन प्रस्ताव की कुल 71 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिसमें से एक विषय से संबंधित 33 सूचनाओं पर प्रस्तुत स्थगन प्रस्ताव की सूचना को ग्राह्य कर चर्चा करायी गई। शून्य काल की 52 सूचनाएं प्राप्त हुई, जिसमें 37 सूचनाएं ग्राह्य और 15 सूचनाएं अग्राह्य रही। इस सत्र में 6 विधेयक पारित हुए। तृतीय अनुपूरक अनुमान पर 3 घंटे 50 मिनट चर्चा हुई। श्री अग्रवाल ने कहा कि आज सभा की कार्यवाही निर्बाध्य रूप से लगातार 21 घंटे से अधिक चली, जो अब तक की सबसे लंबी बैठक है।
नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव और संसदीय कार्यमंत्री श्री अजय चन्द्राकर ने भी सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

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