देना था चावल ,मकान और विकास पर कांग्रेस सरकार ने बस्तर को दिया कोरोना : भाजपा

0

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने बुधवार को प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मिले 330 मामलों में से सर्वाधिक 131 मामले बस्तर क्षेत्र से मिलने पर गहरी चिंता व्यक्त की है और प्रदेश सरकार से समूचे प्रदेश के साथ ही बस्तर संभाग पर विशेष ध्यान देने की मांग की है। श्री कश्यप ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रफ़्तार कुछ कम होते ही प्रदेश सरकार ने जिस तरह ढिलाई बरतनी शुरू कर दी है, वह इस महामारी से निपटने के प्रति उसकी लापरवाही का ही परिचायक है। प्रदेश सरकार को ध्यान रखना चाहिए कि कोरोना की रफ़्तार कम हुई है, लेकिन कोरोना पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है।

श्री कश्यप ने कहा कि आदिवासी बहुल इलाक़ों बस्तर व सरगुजा के समुचित विकास का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार की बदनीयती, भ्रष्टाचार और कुनीतियों से सबसे ज़्यादा प्रदेश के आदिवासी ही संत्रस्त हैं। बस्तर में विकास के जितने भी दावे किए गए, धरातल पर तो वे कहीं नज़र आए ही नहीं, उल्टे जो सुविधाएँ भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार और भाजपानीत राजग की केंद्र सरकार ने मुहैया कराई थीं, राजनीतिक प्रतिशोध के चलते या तो वे सुविधाएँ छीन ली गईं या उनमें अड़ंगा डालकर आदिवासियों की परेशानी बढ़ाई गई है। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार को बस्तर के आदिवासियों के हक का केंद्र सरकार से नि:शुल्क वितरण के लिए मिले चावल में भी घोटाला करने में इस प्रदेश सरकार को शर्म महसूस नहीं हुई। इसी तरह बस्तर के लोगों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमं आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत किए थे, लेकिन प्रदेश सरकार ने उनमें से अधिकांश प्रस्ताव केंद्र को वापस लौटा दिए। तेंदूपत्ता भी वहाँ सरकार के बजाय बिचौलिए ख़रीद रहे हैं और तेंदूपत्ता संग्राहकों के हित व सुविधा के लिए चल रही योजनाएँ बंद कर दी गईं।

श्री कश्यप ने कहा कि विकास करके बस्तर को सुविधासंपन्न बनाने के बजाय कांग्रेस सरकार ने बस्तर को एक तो नक्सली आतंक की भठ्ठी में झोंक दिया है, वहीं दूसरी ओर बस्तर को कोरोना के दंश दिए हैं जिसके चलते अब बस्तर में 40 फ़ीसदी कोरोना संक्रमित मरीज चिह्नांकित हुए हैं। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार एक बार फ़िर अपने मुग़ालतों के कारण प्रदेश पर फिर से मंडरा रहे कोरोना संक्रमण के तेज़ी से बढ़ रहे ख़तरों से लापरवाह नज़र आ रही है। इस बीमारी के ट्रेंड पर बराबर नज़र रखे जानकार मान रहे हैं कि प्रदेश में महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओड़िशा और मध्यप्रदेश की सीमा से लगे ज़िलों में कोरोना के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। इसके चलते बीजापुर, सुकमा, बस्तर, जांजगीर-चाँपा और दंतेवाड़ा ज़िलों में एक्टिव मराजों की संख्या तीन हफ़्तों से कम नहीं हो रही है। सुकमा ज़िले के क़रीबी आंध्रप्रदेश के दो ज़िलों ईस्ट और वेस्ट गोदावरी में रोज़ाना औसतन 500-600 कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं। इधर महाराष्ट्र के नागपुर से छत्तीसगढ़ का अधिक संपर्क है जहाँ पिछले एक हफ़्ते में लगभग सवा दो सौ मामले सामने आए हैं। जब-जब नागपुर में कोरोना संक्रमण बढ़ा है, उसका सर्वाधिक असर दुर्ग-राजनांदगाँव समेत राजधानी रायपुर में दिखा है।

श्री कश्यप के मुताबिक़ प्रदेश सरकार इन ख़तरों की ओर से आँखें मूंदे बैठी है, जबकि उसे अभी से इस दिशा में सतर्कता-सजगता दिखाते हुए प्रदेश की सीमाओं पर कड़ी चौकसी और जाँच आदि के पुख़्ता इंतज़ाम करके प्रदेश में कोरोना के नए मामलों की रफ़्तार को एकदम न्यून रखने के लिए संजीदग़ी से काम करना चाहिए। श्री कश्यप ने कहा कि नागपुर में अभी 3 हज़ार से ज़्यादा सक्रिय मरीज हैं जबकि तेलंगाना में सक्रिय मरीजों की संख्या 11,964 से अधिक है जिससे छत्तीसगढ़ के बस्तर के बीजापुर व सुकमा ज़िले सटे हुए हैं। ज़ाहिर है, प्रदेश में इस बार प्रदेश के दक्षिणी हिस्से से कोरोना संक्रमण का ख़तरा बढ़ेगा। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार राजनीतिक नौटंकियों और अपनी वाहवाही के नाम पर वृथा गाल बजाने से बाज आकर कोरोना की रोकथाम के उपायों पर सख़्ती और ईमानदारी से काम करे,बस्तर के साथ हो रहे अन्याय को वहाँ की जनता कभी माफ नही करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed