रमन सरकार किसानों के ऋण माफी की करे तत्काल घोषणा, बीमे की राशि का किसान को हो अविलंब भुगतान – भूपेश बघेल

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JOGI EXPRESS

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने विधानसभा में किसानों की दयनीय हालत के लिये भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये जमकर कोसा

2100 रू. का समर्थन मूल्य एवं 300 रू. के बोनस के पांच साल का बकाया राशि को किसानों के खातों में करें एकमुश्त जमा – भूपेश बघेल

रायपुर/ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से सरकार पर किसान विरोधी मानसिकता से ग्रस्त होने का आरोप लगाते हुये सरकार से पूछा कि चुनाव के समय किसानों को प्रतिक्विंटल 2100 रू. का समर्थन मूल्य और 300 रू. प्रतिक्विंटल बोनस हर वर्ष देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार सत्ता में आते ही किसानों को किये घोषणा के संदर्भ में बात करना ही बंद कर दिया। यूपीए के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के समय हर साल समर्थन मूल्य और बोनस देने के लिये चिट्ठी लिखने वाली रमन सरकार, मोदी जी के प्रधानमंत्री बनते ही ऐसी क्या बात हो गयी समर्थन मूल्य और बोनस के संदर्भ में चिट्ठी लिखना ही बंद कर दिया। जबकि विपक्ष ने रमन सरकार को इस मुद्दे पर पूरा समर्थन देने का न केवल आश्वासन दिया बल्कि हमने मुख्यमंत्री रमन सिंह से सदन के माध्यम से निवेदन किया था कि समर्थन मूल्य और बोनस के मामले में पूरे 90 विधायक दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मिलने के लिये तैयार है, किन्तु हम बार-बार कहते रहे किन्तु आप चुपचाप बैठे रहे। जब आप ही के विधायकों का दबाव बना कि बोनस की घोषणा किये बगैर भाजपा के कोई भी विधायक जनता के पास जाने की स्थिति में नहीं है और कांग्रेस लगातार बोनस देने की मांग को लेकर सड़क और सदन में सरकार को घेरते रही, तब मजबूरन सरकार को आधा अधूरा बोनस देने को मजबूर होना पड़ा। एक तरफ प्रदेश के 96 तहसीलों में सूखे के चलते अकाल की भयावह छाया मंडरा रही है लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हो, कर्ज के बोझ के तले दबे किसान आत्महत्या करने के लिये मजबूर हो रहे हो और दूसरी ओर सरकार प्रदेश में घूम-घूमकर स्कूलों के बच्चों की भीड़ को बुलाकर तिहार मनाने एवं सुआ नाच करने का ढोंग कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुये कहा कि एक ओर प्रदेश के किसान आत्महत्या के लिये लटकते रहे और दूसरी ओर रमन सिंह सुआ नाच करते मटकते रहे।
प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने सरकार को कोसते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ की परंपरा में हर त्योहार हर साल मनाने की रहती है, इसके विपरीत सरकार क्यों पांच साल में एक बार बोनस तिहार का ढकोसला कर रही है। बोनस देने के नाम पर किसानों को जबरदस्ती बुलाया जा रहा है और बटन दबाकर कह दिया जा रहा है कि आपके खाते में बोनस का पैसा चला गया किन्तु दुर्भाग्य है कि आज भी कई किसान बोनस के पैसे प्राप्त करने से वंचित है और भटक रहे है। सरकार द्वारा एक साल के ही दिये बोनस के पैसे किसानों द्वारा फसल के बिमारी के चलते दवाई खरीदने में ही खर्च हो गया। सरकार ने राज्य के 39 लाख किसानों में से केवल 13 लाख किसानों को ही बोनस देकर प्रदेश के 26 लाख से ज्यादा किसानों के साथ जबरदस्त धोखा किया है।
सरकार के रोज नये-नये नियम कानून के चलते परेशानी से बचने के लिये किसान सोसायटियों में पंजीयन नहीं करा पाये। जिसके चलते उन्हें बोनस देने से वंचित कर दिया गया और आज भी सरकार के अव्यवहारिक निर्णय के चलते किसानों को धान बेचने के लिये रोज सोसायटी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। कभी उन्हें केवल 3 बार टोकन देने की बाते कही जा रही है, तो कभी बोरी की सम संख्या में धान खरीदी की बात कह रही है, कभी उन्हें कह रहे है कि एक बार में केवल एक ही प्रकार का धान बेचने के लिये ला सकते है, सरकार के इस प्रकार के तुगलकी आदेश से पूरे प्रदेश के किसान न केवल परेशान है बल्कि धान बेचने से भी वंचित हो रहे है।
बारदाना के वजन में कम करके खरीदी में जबरदस्त घोटाला किया गया है। हमने इस संदर्भ में सरकार को कई बार लिख चुके है किन्तु सरकार ने अब तक कोई जांच नहीं कराई है।
भानूप्रतापपुर जिले में रहने वाला फौजी सीमा में देश की रक्षा में तैनात है, लेकिन यहां की सरकार उसकी पत्नी को नियम कानून का हवाला देकर धान बेचने नहीं दे रहे थे।
यहां के किसानों के लिये रोज नये-नये नियम ताकि किसान धान न बेच सके, किन्तु राष्ट्रीय चैनलों में अन्य प्रदेशों के धान सीमावर्ती जिलों में लाकर बेचे जाने का मामला दिखाया जा रहा है किन्तु सरकार कोई कार्यवाही नहीं कर रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से पूछा कि 96 तहसीलों में सूखा घोषित कर दिये जाने के बावजूद अभी तक किसानों को बीमा का पैसा क्यों नहीं मिल पाया है? क्यों सूखा घोषित होने के बावजूद किसानों से ऋण वसूली हो रही है? किसानों का हितैषी बताने वाली भाजपा सरकार ने अब तक किसानों के 3500 करोड़ रू. के कृषि ऋण क्यों माफ नहीं किये हैं?
भूपेश बघेल ने कहा कि वास्तविकता यह है कि सरकार के अर्कमण्यता के चलते प्रदेश के किसान तकलीफों में है, परेशानियों से गुजर रहे हैं, सरकार से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिलने के कारण दुखी है और इन्हीं सब कारणों से राज्य के किसान आत्महत्या करने के लिये विवश हो रहे है, किन्तु राज्य की भारतीय जनता पार्टी की रमन सरकार इन सब से बेपरवाह और असंवेदनशील हो गयी है।
हम सरकार से मांग करते है कि सरकार सूखा पीड़ित किसानों के तत्काल ऋण माफी की घोषणा करें। बीमे की राशि का तत्काल भुगतान करें। किसानों से किये वायदों के अनुरूप पूरे पांच साल का प्रतिक्विंटल के हिसाब से 2100 रू. धान का समर्थन मूल्य और 300 रू. बोनस का बकाया पूरा राशि किसानों के खाते में जमा करायें और आत्महत्या करने वाले किसानों के पीड़ित परिवार को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान करें।

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