मनुष्य-मनुष्य के बीच में व्याप्त भेदभाव का परित्याग करना और समाज में भाईचारे का संदेश ही बाबा घासीदास का मूलमंत्र – पी.एल. पुनिया

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JOGI EXPRESS

बाबा गुरू घासीदास ने जातिविहीन समाज की कल्पना की थी, उसको साकार करने की जिम्मेदारी हम सब की है – भूपेश बघेल

रायपुर/ मुंगेली जिले के अमरटापू में आज गुरूघासीदास बाबा की जयंती समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी में हजारो की संख्या में आये श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद श्री पी.एल. पुनिया ने कहा कि गुरू घासीदास बाबा ने जीवन भर लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया और मनुष्य के बीच व्याप्त भेदभाव को परित्याग कर सभी का समाज में समरसता और भाईचारे के रास्ते पर चलने का संदेश दिया। उन्होने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय श्री राहुल गांधी ने अमरटापू में आयोजित इस कार्यक्रम में आने की इच्छा जताई थी परंतु कुछ कारणों से वे नहीं आ पाये। किन्तु उन्होने अगले वर्ष के कार्यक्रम आने की बात कही है तथा मैं उनके प्रतिनिधि के रूप में ही आपके बीच भेजा गया हूं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी गुरू घासीदास बाबा के बताये हुये मार्ग पर चलने वाले लोगों में से है। उनके मन में बाबा जी के प्रति असीम श्रद्धा है। श्री पुनिया ने कहा कि सतनाम पंथ के जो सात वचन जिसमें सतनाम पर विश्वास करना, जीव हत्या नहीं करना, मांसाहार नहीं करना, जुआ-चोरी से दूर रहना, व्याभिचार नहीं करना, नशे से दूर रहना एवं जात-पात के प्रपंचों पर नहीं पड़ना का जो संदेश गुरूघासीदास बाबा ने दिया है उनका अनुसरण हम सभी को करना चाहिये। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर भी बाबा गुरूघासीदास के बताये मार्ग पर चले और पूरे देश में सामाजिक समरसता लाने का भरपूर प्रयास किया। बाबा के बतायें हुये संदेश को समाज में लोगों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। यह पुनित अवसर हम सबको इस बात का संकल्प लेने का है कि बाबा गुरू घासीदास ने वर्षो पूर्व लोगों को जोड़ने का जो मंत्र और संदेश दिया था उसे जन-जन तक पहुंचाने की न केवल आज आवश्यकता है, बल्कि हम सबकी जिम्मेदारी भी है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने अमरटापू में आयोजित बाबा के अनुयायियों को संबोधित करते हुये कहा कि मनखे-मनखे समान संदेश देने वाले महान संत गुरू घासीदास बाबा के अवतरण दिवस पर आज हम सब उनके बताये हुये मार्ग पर चलकर समाज के अंदर व्याप्त सामाजिक भेदभाव, छुआछुत, छोटे-बड़े की भावना  को त्याग कर बाबा गुरू घासीदास द्वारा किये गये परिकल्पना की छत्तीसगढ़ को साकार करने की आवश्यकता है। भारतीय समाज का सबसे बड़ा कलंक छुआछुत है, जिसे गुरू घासीदास बाबा ने दूर करने का प्रयास किया। महिलाओं को समाज में समानता दिलाने का सबसे पहले बात बाबा ने की थी और उन्होने महिलाओं को यह अधिकार उस समय दिलवाया भी। उन्ही सब बातों को संविधान में लाकर कानून बनाने का काम डाॅ. भीमराव अंबेडकर ने किया। छत्तीसगढ़ का समग्र विकास जिसकी कल्पना बाबा ने देखा था तभी संभव है जब हम आपसी एकता, भाईचारा एवं शांति के साथ गुरू घासीदास बाबा के बताये हुये मार्गो पर चल कर उनके बताये संदेश को पूरे समाज के अंदर जन-जन तक पहुंचायेंगे।


सभा को समाज के सम्मानीय गुरू श्री रूद्रकुमार गुरू एवं अनुसूचित जाति विभाग प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डाॅ. शिवकुमार डहरिया ने भी संबोधित करते हुये कहा कि बाबा गुरू घासीदास पूरे समाज को एक सूत्र में बांधने के लिये अपना पूरा जीवन जन कल्याण में लगा कर सत्य, अहिंसा और भाईचारे की भावना के सिद्धांत को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया। उन्होने समाज से अपील करते हुये कहा कि उनके बतायें हुये मार्ग पर चलने से ही हम मनुष्य जाति का कल्याण संभव है। वे केवल छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि पूरे देश के महान संत थे।
कार्यक्रम में विधायक एवं युवक कांग्रेस अध्यक्ष उमेश पटेल, विधायक कवासी लखमा, श्यामलाल कंवर, श्रीमती पाटिला, विजय बघेल, कांग्रेसजनों सहित हजारों की संख्या में बाबा गुरू घासीदास के अनुयायियों एवं कांग्रेस पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में शिरकत किया।

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