महंगाई का रोना रोने से पहले मरकाम केंद्र में रही संप्रग सरकार के शासनकाल में कीमतों की सूची पर नज़र दौड़ा लें : भाजपा

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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ किए गए प्रलाप पर पलटवार करके नसीहत दी है कि महंगाई का रोना रोने से पहले वे केंद्र में रही संप्रग सरकार के शासनकाल में कीमतों की सूची पर नज़र दौड़ा लें। श्री कश्यप ने कहा कि 100 दिनों में महंगाई घटाने का वादा करने वाली संप्रग सरकार के शासनकाल में महंगाई लगभग 178 फ़ीसदी से भी अधिक बढ़ी थी जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौज़ूदा केंद्र सरकार के पिछले 07 वर्षों के कार्यकाल में महंगाई काबू में रही है।

भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि हर किसान का हर कर्ज माफ़ करने और बकाया दो साल का बोनस देने के वादे पर अमल नहीं करके धोखाधड़ी और वादाख़िलाफ़ी करने वाली जो कांग्रेस सरकार अब छत्तीसगढ़ के किसानों के पैसों पर डाका डालने के नित-जनए जतन कर रही है, उस दल के प्रदेश अध्यक्ष को किसानों की आमदनी को लेकर सफेद झूठ बयान करना शोभा नहीं देता। कांग्रेस शासन की तुलना में केंद्र की भाजपा सरकार ने किसानों की उपज का हर साल बढ़-चढ़कर समर्थन मूल्य घोषित किया है और किसान सम्मान निधि सहित विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने का काम किया है।

श्री कश्यप ने उर्वरकों के दाम को लेकर भी कांग्रेस नेताओं और प्रदेश सरकार के मंत्रियों पर तथ्यों से परे झूठ का रायता फैलाने आरोप लगाते हुए कहा कि खाद्य तेलों व खाद्य पदार्थों की क़ीमतों को लेकर बिचौलियों को फ़ायदा पहुँचाने का प्रलाप करने वाले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मरकाम कम-से-कम इस सच्चाई से तो मुँह न मोड़ें कि बिचौलियों के आर्थिक स्वार्थों की लड़ाई को पर्दे के पीछे से संचालित करने वाला कांग्रेस का नेतृत्व बुरी तरह बेनक़ाब हो चुका है।

श्री कश्यप ने कहा कि दवाओं की बढ़ती क़ीमतों पर घड़ियाली आँसू बहा रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यह क्यों भूल रहे हैं कि तमाम सरकारी दावों के बावज़ूद कोरोना और ब्लैक फंगस के इंजेक्शन की कालाबाज़ारी पर प्रदेश कांग्रेस और उसकी सरकार ने मुँह में दही जमा रखा था। श्री कश्यप ने सब्जियों के दाम बढ़ने तक के लिए केंद्र सरकार पर तोहमत जड़ने के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के प्रयास को बचकाना बताते हुए कहा कि ‘अंध मोदी-विरोध’ के फोबिया से ग्रस्त कांग्रेस नेताओं को अब अपनी मानसिक दशा का इलाज ढूँढ़ने में लग जाना चाहिए।

भाजपा नेता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जनता की जेब में पैसे डालने में ही कांग्रेस नेताओं का आग्रह भी समझ से परे है, जबकि आम आदमी को आपदाकाल में राहत सामग्री, राशन उपलब्ध कराना ज़्यादा मायने रखता है और केंद्र सरकार अपनी यह ज़िम्मेदारी भली प्रकार से निभा रही है जबकि छत्तीसगढ़ सरकार राजनीतिक साजिशों के जाल में प्रदेश की जनता को उलझाकर केंद्र की योजनाओं के लाभ से उन्हें वंचित रखने और फिर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अनर्गल बयानबाजी करने का काम कर रही है। श्री कश्यप ने कहा कि कोरोना महामारी की आपदा तक को जिस कांग्रेस ने टूल-किटिया साजिश रचकर अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति का अवसर बनाने में ज़रा भी शर्मं महसूस नहीं की, उसके नेता अपनी प्रदेश सरकार के नाकारापन को ढँकने के ऐसे हास्यास्पद प्रयासों में लगे हैं।

श्री कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी पर जनता की जेब में डाका डालने का आरो लगाने से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मरकाम पहले अपनी सरकार का गिरेबाँ झाँक लें जिसके महज़ ढाई साल के शासनकाल में भ्रष्टाचार और घोटालों के चलते प्रदेश के खजाने पर डाका पड़ रहा है और आम आदमी अपने हक़ के विकास व सुविधाओं से वंचित हो रहा है। भ्रष्टाचार और घोटालों के नाम पर तो कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने काफी अपयश अपने खाते में जमा कर रखा है। श्री कश्यप ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पर सात साल के शासनकाल में कोई दाग़ तक नहीं लगा है, कांग्रेस नेताओं की परेशानी और बेचैनी का यही सबब है और इसी से बौखलाकर वे गाहे-बगाहे खंभा नोचने में लगे रहते हैं।

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