गांवों तक संक्रमण को पहुंचने से रोकने की मुहिम रंग लाई, कोरोना मुक्त हुए छत्तीसगढ़ के आधे गांव

0

संक्रमण से पहले गांवों में दवाइयां, जांच और उपचार की सुविधाएं पहुंची

करीब 10 हजार गांव कोरोना मुक्त

जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक मजबूत अधोसंरचना बनी हथियार

मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों की मेहनत रंग लाई

जिला पंचायत से लेकर ग्राम पंचायत तक नेटवर्क की संवेदनशीलता काम आई

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल स्वयं कर रहें हैं सतत मानिटरिंग, समय रहते उठाए गए सभी जरूरी कदम

रायपुर, 27 मई 2021/ देशभर में गांवों तक पहुंच रहे कोरोना-संक्रमण के अंदेशों के बीच अच्छी खबर यह है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के आधे करीब 10 हजार गांव पूरी तरह संक्रमण मुक्त हैं। इन गांवों तक या तो संक्रमण नही पहंुच पाया है, या फिर उन्हें संक्रमण से जल्द मुक्ति मिल चुकी है। वर्तमान में इन गांवों में एक भी संक्रमित व्यक्ति नही है। समय रहते छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गांवों तक संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरु किए गए उपायों की वजह से यह संभव हो पाया है। 
राज्य के नगरीय क्षेत्रों में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत होते ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निर्देश दिए थे कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की रोकथाम के लिए हर जरूरी कदम उठाए जाएं। इस निर्देश के बाद पहली लहर के दौरान गांवों में स्थापित क्वारंटाइन सेंटरों को पहले से अधिक मजबूत व्यवस्थाओं के साथ फिर से सक्रिय किया गया। अन्य राज्यों अथवा शहरी क्षेत्रों से गांव लौटने वाले व्यक्तियों तथा परिवारों को इन सेंटरों में ठहराने, उनकी जांच तथा उपचार की व्यवस्था की गई। घर-घर तक सर्वेक्षण कर संक्रमितों का पता लगाने के लिए मितानिनों, तथा स्वास्थ्य अमले के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और शिक्षकों को भी सक्रिय किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों ने सर्दी-बुखार के मरीजों की पहचान करने के साथ-साथ उनके उपचार में भी अपनी भागीदारी निभाई। कोरोना से बचाव एवं उपचार के प्रति जागरुकता लाने में भी उन्होंने अपनी भूमिका निभाई। 
मुख्यममंत्री श्री बघेल के निर्देश पर समय रहते गांव-गांव तक आवश्यक दवाइयों के  किट की आपूर्ति और उसका वितरण सुनिश्चित किया गया। जिला पंचायतों से लेकर ग्राम पंचायत तक के नेटवर्क के जरिये कोरोना नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की मानिटरिंग का काम स्वयं मुख्यमंत्री कर रहे हैं। वे वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जन-प्रतिनिधियों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं, साथ ही फीडबैक के आधार पर अधिकारियों को निर्देशित भी कर रहे ह। राज्य में टेस्टिंग की सुविधा बढ़ाने के लिए लगातार नये लैबों की स्थापना की गई। इससे सेंपलों की रोज होने वाली टेस्टिंग की संख्या 21-22 हजार से बढ़कर अब प्रतिदिन 70 हजार से अधिक हो चुकी है। जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक स्वास्थ्य अधोसंरचनाओं को मजबूत किया गया। अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ-साथ नये कोविड सेंटरों की स्थापना कर उपचार सुविधाओं को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाया गया। ग्रामीण क्षेत्र के गंभीर मरीजों को जल्दी से जल्दी अस्पतालों तक पहुंचाया जा सके इसके लिए एंबुलेंस तथा अन्य वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी की गई। 
राज्य शासन द्वारा माइक्रो लेबल तक की गई चाक-चैबंद व्यवस्थाओं के कारण छत्तीसगढ़ के कुल 20 हजार 092 गांवों में से करीब आधे 9 हजार 462 गांव आज कोरोना के संक्रमण से मुक्त हैं। इसमें बालोद जिले के 704 में से 183 गांव, बलौदाबाजार जिले के 957 में से 402, बलरामपुर के 636 में से 102, बस्तर जिले के 589 में से 252, बेमेतरा जिले के 702 में से 311, बीजापुर जिले के 579 में से 491, बिलासपुर जिले के 708 में से 96, दंतेवाड़ा के 229 में से 158, धमतरी के 633 में से 176, दुर्ग के 385 में से 377, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के 222 में से 39, गरियाबंद के 722 में से 342 गांव संक्रमण मुक्त हैं। इसी तरह जांजगीर-चांपा जिले के 887 में से 150 गांव, जशपुर के 766 में से 319, कांकेर के 1084 में से 792, कबीरधाम के 1035 में से 832, कोंडागांव के 569 में से 407, कोरबा के 716 में से 280, कोरिया के 638 में से 352, महासमुंद के 1153 में से 532, मुंगली में 711 में से 338, नारायणपुर में 422 में से 362, रायगढ़ में 1435 में से 173, रायपुर में 478 में से 261, राजनांदगांव में 1599 में से 1204, सुकमा में 406 में से 194, सुरजपुर में 544 में से 140 और सरगुजा जिले में 583 गांव में से 197 गांव संक्रमण मुक्त हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *