सोनिया,राहुल को खुश करने, राज्य का नुकसान कर बैठे भूपेश: राजेश मूणत

0

रायपुर/ पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने नए राजभवन, नए सीएम हाउस समेत नवा रायपुर के सभी प्रमुख निर्माण कार्यों पर रोक लगाए जाने सरकार के फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी को खुश करने के चक्कर में राज्य का नुकसान कर बैठे। श्री मूणत ने पूछा कि कितने वित्तीय वर्ष के लिए यह सभी निर्माण कार्य रोका गया है? निर्माण कार्य की राशि का अब किस मद में उपयोग किया जाएगा? यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।

श्री मूणत ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री बताए कि निर्माण कार्य रद्द क्यों किया? कितने वित्तीय वर्ष के लिए किया। क्या सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है।निर्माण ठेकेदार को किन शर्तों पर काम करने से मना किया है? क्या वह भुगतान के लिए न्यायालय नहीं जाएगा? आज बंद कर छह महीने बाद नए वित्तीय वर्ष में फिर निर्माण कार्य प्रारंभ तो नहीं होगा? इससे ठेकेदार को कहीं ज्यादा भुगतान तो नहीं करना पडेगा?

श्री मूणत ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में भी राज्य की भूपेश सरकार ने आपदा को अवसर में बदलने की कोशिश की है क्योंकि राजभवन और विधानसभा भवन का निर्माण कार्य अभी टेंडर की स्थिति में था।मनचाहे व्यक्ति को टेंडर नहीं मिलने से यह निर्णय लिया गया है? ऐसा पूरे प्रदेश में चर्चा है। उन्होंने यह भी पूछा कि निर्माण कार्य रोकने से सरकार को इस वित्तीय वर्ष में कितना लाभ होगा? जो राशि बचेगी, उस राशि का किस मद में उपयोग करेंगे। किस उम्मीद में निर्माण कार्य बंद किया गया, क्योंकि पहले अनुमोदन करने के बाद बंद करना कहीं से उचित प्रतीत नहीं होता है। श्री मूणत ने पूछा कि क्या सरकार कोरोना संक्रमण काल में इस राशि का उपयोग करेगी? यदि ऐसा है तो पहले शराब के सेस का 600 करोड़ की राशि का कितना उपयोग हुआ, उसकी जानकारी सार्वजनिक करना चाहिए। क्योंकि कोरोना में सरकार का कोई भी जमीनी काम दिखाई नहीं देता है। अस्पतालों में न आक्सीजन है, न वेटीलेंटर, न वैक्सीन की व्यवस्था कर पाए और न ही दवाओं का।

श्री मूणत ने यह भी पूछा कि सरकार को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि निर्माण कार्यों पर कितना प्रतिशत राशि खर्च कर रही है? फिलूजखर्ची की इतनी ही चिंता होती, तो महीनेभर मुख्यमंत्री व पूरी कैबिनेट असम में जाकर नहीं बैठती, असम के प्रत्याशियों का यहां आवभगत नहीं करते। फिजूलखर्ची कम करने के और भी रास्ते थे, जिस पर सरकार ने विचार ही नहीं किया और चलते निर्माण कार्य को बंद कराकर झूठी वाहवाही लूटने का असफल प्रयास कर रही है। मगर छत्तीसगढ़ की जनता कांग्रेस के इस राजनीतिक दांव-पेंच को भली भाति जानती है। समय आने पर इसका भी हिसाब लिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *