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13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि हिन्दू नववर्ष का आरंभ - Jogi Express

13 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि हिन्दू नववर्ष का आरंभ

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 कोरोना के चलते लाकडाउन, अगले वर्ष की भांति चैत्र नवरात्रि में नहीं कर पायेंगे मन्दिरों में भक्त गण दर्शन

अर्जुनी/रावन – चैत्र नवरात्रि आज से प्रारंभ जो नौ दिनों तक चलने वाली, 13  से 21 अप्रैल तक चलेगी। कोरोना के चलते लाकडाउन में  शासन के निर्देशों का पालन करते हुए , अगले वर्ष की भांति इस साल भी चैत्र नवरात्रि  शक्ति आराधना का महान पर्व पर भक्त गण घरों में ही रहकर मनायेंगे नवरात्र । स्थानीय जय महामाया शक्ति पीठ में 2 ज्योति कलश,एक घृत का, मां शीतला मंदिर में 1 ज्योति कलश, और ज्योति कक्ष में केवल 1 ही ज्योत  प्रज्जवलित होंगी। सिद्ध शक्तिपीठ मां महाकाली मंदिर में विगत 26 वर्षों से  अखंड ज्योति कलश प्रज्जवलित हो रही है।चैत्र नवरात्रि और हिन्दू नववर्ष के शुभ पर माता रानी की सुवागत के लिए श्रद्धालु अपने-अपने गली,घर- दरवाजे  के समाने रंगोलियां बनाकर, व दीपक जलाकर कर माता रानी का पर्व मनाया जाएगा।

 *हिन्दू नववर्ष का स्वागत* 
छत्तीसगढ़ योग शिक्षक महासंघ प्रदेश मिडिया दीपक कुमार वर्मा ने कहा चरित्र उज्जवल नहीं होने पर ऊंचे पदों पर रहना शोभा नहीं देता है।योग जीवन का अनिवार्य अंग हैं। कोरोना काल में योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए नियमित आधा घण्टे योग प्राणायाम करें व गिलोय,काली मिर्च,अदरक और लौंग का काढ़ा बनाकर सेवन करें।योग से शरीर व मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। 9 पूर्णांक है, जिसमें पुरीसृष्टि समाहित है।इसे भारत ने दुनिया को बताया था। उन्होंने बताया की चैत्र नवरात्रि के पहले दिन नववर्ष मनाने  चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को सृष्टि का निर्माण हुआ था, इसलिए इस दिन हिन्दू नववर्ष के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन को संवत्सरारंभ, गुड़ी पड़वा, उगादि, वैशाखी प्रारंभ दिन आदी नामों से भी जाना जाता है। *उगादि’ का अर्थ होता है, युग का प्रारंभ अथवा ब्रह्माजी को सृष्टि का पहला दिन।* चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नववर्ष मनाने के नैसर्गिक,प्राकृतिकस्वाभाविक,ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक,वैज्ञानिक व दार्शनिक कारण है। नवरात्रि के शुभ अवसर पर घरों में बुढ़ी दादी मां व छोटी बच्ची रहती है । जिसको आप इस शक्ति आराधना का पर्व नवरात्रि में चुनरी , श्रुंगार का साम्रगी भेंट कर नवरात्रि मनाये

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