मरार पटेल समाज ने मनाई महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती

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देश की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना में ज्योतिबा फुले का महत्वपूर्ण योगदान: प्रदेशाअध्यक्ष राजेन्द्र नायक पटेल

रायपुर/छत्तीसगढ़ प्रदेश मरार पटेल समाज ने आज प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नायक पटेल के मागदर्शन में आज महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती कोविड 19 नियमों को पालन करते हुए पूरे प्रदेश में मरार पटेल समाज के लोगों ने घर में दीया जलाकर मनाया. प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र नायक पटेल ने कहा देश की सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना में ज्योतिबा फुले का महत्वपूर्ण योगदान है. जाति प्रथा और छुआछूत के खिलाफ फुले ने महान काम किया था. महिलाओं की शिक्षा पर जोर देने वालों में ज्योतिबा फुले का नाम प्रमुख है. महान समाजसेवी एवं लेखक महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर मरार समाज के समाज प्रमुखों ने नमन किया है। मरार पटेल समाज के युवाओं ने आज महात्मा ज्योतिबा फूले की जयंती सोशल मीडिया के माध्यम से अपने घरों में दिये जलाकर तथा वर्चुअल शामिल होकर धुम-धाम से मनाया और आने वाले वर्ष में इसकों वृहद आयोजन कर मनाने का संकल्प लिया है। महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में 11 अप्रैल 1827 को एक माली परिवार में हुआ था. उनका पूरा नाम ज्योतिबा राव गोविंद राव फुले था. उन्होंने जीवनभर छुआछूत को देश से खत्म करने के लिए अथक प्रयास किए. फुले ने बहिष्कृत समाज को समान अधिकार दिलाने के लिए 1873 में सत्यशोधक समाज की स्थापना की और जीवन पर्यंत संघर्ष किया. इसका उद्येश्य समाज में पिछड़े और उपेक्षित वर्ग को सामाजिक न्याय दिलाना था. सभी जाति के लोग सत्यशोधक समाज के सदस्य बने. फुले और उनकी पत्नी सावित्री बाई फुले ने 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए पहले स्कूल की स्थापना की. इसके अलावा उन्होंने कई विद्यालय और अनाथालय खोले. ज्योतिबा ने कई किताबें भी लिखीं किसान का कोड़ा, धर्म तृतीय रत्न, इशारा और शिवाजी की जीवनी उनकी प्रमुख किताबें हैं. महाराष्ट्र में समाज सुधारक के रूप में फुले का बेहद सम्मान था. 1888 में विट्ठलराव कृष्णाजी वेंडेकर ने उन्हें महात्मा की उपाधि से संबोधित किया. इसके बाद वे महात्मा कहे जाने लगे. फुले ने समाज में ठुकराई गई महिलाओं को मुख्य धारा में लाने का भी काम किया. 28 नवंबर 1890 को ज्योतिबा फुले का निधन हो गया।
महात्मा फुले जयंती को सफल बनाने में समाज के कार्यकारी अध्यक्ष सुनील पटेल, संरक्षक पुरुषोत्तम पटेल, गया पटेल, टी.आर.पटेल, अमर सिंह पटेल, बिशेसर पटेल, कोषाध्यक्ष बिंदु राम पटेल, एन.के.पटेल, रामेश्वर पटेल, राजनीति प्रकोष्ठ अध्यक्ष पवन पटेल, यज्ञदेव पटेल, कर्मचारी प्रकोष्ठ अध्यक्ष लिलार सिंह पटेल, डेहर पटेल, केशव पटेल , व्यापार प्रकोष्ठ अध्यक्ष ईश्वर पटेल, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा श्रीमती अंजुबाला पटेल, श्रीमती रानी पटेल, श्रीमती लक्ष्मी पटेल, आई. टी. प्रकोष्ठ अध्यक्ष शेखर पटेल, कुमार पटेल, युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष दुलेश्वर पटेल, सोमनाथ पटेल, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्री टीकम पटेल, खेलकूद प्रकोष्ठ प्रभारी रोमनाथ पटेल, महेंद्र पटेल, चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ हलधर पटेल, किसान प्रकोष्ठ प्रभारी मोहन पटेल, सुदेश पटेल, डिप्टी कलेक्टर श्री जागेश्वर कौशल, डी एस पी श्री हरीश पाटिल, नायब तहसीलदार श्री राजू पटेल, मीडिया प्रभारी यसवंत पटेल, शंकर दयाल पटेल, मनेंद्र पटेल, हिमांशु पटेल, श्याम पटेल, भागवत पटेल सहित सभी सामाजिक जनों का विशेष योगदान रहा।

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