लोकतंत्र में नौकरशाहों के भरोसे राज करना या उन्हें विश्वास में लिए बगैर काम करना ये दोनों स्थिति जनता की बर्बादी का सबब बनती है- विकास उपाध्याय

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*डाॅ. रमन सिंह असम में बिन बुलाए मेहमान की तरह प्रचार में पहुँचे हैं*
रायपुर,डिब्रुगढ़ (असम)। असम चुनाव के स्टार प्रचारक विकास उपाध्याय ने डाॅ. रमन सिंह द्वारा असम चुनाव के प्रचार किए जाने पर कहा, जिस राजनेता को नौकरशाहों के भरोसे लोकतंत्र चलाने की आदत रही हो, उससे भला असम की जनता को क्या अपेक्षा हो सकती है। उन्होंने कहा, जो राजनेता नौकरशाहों के भरोसे सरकार चलाने की सोचते हैं या नौकरशाहों को विश्वास में लिए बगैर व्यक्तिगत निर्णय लेकर पूरे लोकतंत्र को मूसीबत में डाल देते हैं, ऐसे लोगों के हांथों भारतीय लोकतंत्र सुरक्षित नहीं हो सकता। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ठीक इसी तरह का निर्णय देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च 2020 को सम्पूर्ण लाॅक डाउन कर भारत के लोगों को मूसीबत में डाल दिया था।
विकास उपाध्याय आज प्रधानमंत्री मोदी व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने डाॅ. रमन सिंह द्वारा स्वतः ही आकर असम में छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के विरूद्ध प्रचार करने को पूरी तरह से हास्यात्पद बताया है। उन्होंने कहा, जो व्यक्ति लोकतंत्र में रहते हुए 15 वर्षों तक नौकरशाहों के हांथ की कठपुतली बनकर सरकार चलाते रहा, ऐसा व्यक्ति भला आम जनता की मूलभूत समस्याओं को समझने का कैसे आंकलन कर सकता है। ठीक इसी तरह विकास उपाध्याय ने देश के प्रधानमंत्री मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत तौर पर अपने आप को विश्व का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति मानते हैं। यही वजह है कि गतवर्ष जब देश के 30 राज्यों ने अपने स्वयं के सूझ-बूझ पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने राज्यों में लाॅक डाउन लगा चुके थे, जो 31 मार्च 2020 तक प्रभावी था। तब अचानक से वे 24 मार्च को 21 दिनों तक सम्पूर्ण लाॅक डाउन की घोषणा कर दी। अन्तर्राष्ट्रीय एक निष्पक्ष समाचार एजेंसी ने इसकी जानकारी को लेकर सूचना के अधिकार में मिले जो जानकारी सार्वजनिक की है, वह चैंकाने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी इतना बड़ा निर्णय लेने के पूर्व अपने मंत्री मण्डल को विश्वास में लेना तो छोड़िए प्रधानमंत्री कार्यालय तक को इसकी सूचना नहीं दी थी। इसका साफ अर्थ था कि लाॅक डाउन को लेकर सरकार की भविष्य की कोई तैयारियाँ थी ही नहीं और परिणाम स्वरूप जिन चीजों को आज पूरा भारत भुगत रहा है, सबके सामने है। इसका अर्थ यह हुआ कि मोदी नौकरशाहों से अपने आप को ऊपर मानते हैं और यह प्रयोग भी असफल साबित हुआ।
विकास उपाध्याय डाॅ. रमन सिंह पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा, डाॅ. रमन सिंह छत्तीसगढ़ में अपने 15 साल के भाजपा शासन काल में लाखों युवाओं को जहाँ बेरोजगारी के मुँह में ढकेल दिया वहीं किसानों की दुर्दशा चरम पर पहुँच गई थी। 15 वर्षों तक जिस व्यक्ति को जनता का साथ मिला वह उसके अनुरूप कुछ नहीं कर सका। ऐसा व्यक्ति भला असम की जनता को क्या विश्वास दिला सकता है। उन्होंने असम के लिए जारी भाजपा के संकल्प पत्र को असम की जनता के लिए धोखा बताया है। विकास उपाध्याय ने कहा, भाजपा फिर से कहीं सत्ता में आई तो असम की ‘आहोम’ सभ्यता समाप्त हो जाएगी। विकास ने युवाओं को नौकरी देने की घोषणा को हास्यात्पद बताते हुए कहा, पहले प्रधानमंत्री मोदी तो अपना उस वादा को पूरा कर लें, जिसमें वे यह कहकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुँच गए कि साल में 02 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे। जबकि आज स्थिति यह है कि उससे दोगुना युवा बेरोजगार हो गए हैं। इस तरह असम ही नहीं बल्कि देश की जनता यह भलीभाँति जान चुकी है कि भाजपा सत्ता हथियाने चुनाव के वक्त खोखले वादे कर मतदाताओं को गुमराह करती है। उन्होंने आज फिर से दावा किया कि असम में कांग्रेस महागठबंधन स्पष्ट बहूमत के साथ सरकार बनाएगी।

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