जिले में फलफूल रहा अवैध कोयले का व्यापार , सब बन बैठे है मूकदर्शक

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सूरजपुर। जिले में अनगिनत ऐसे कोयला के अवैध कोयला खदान संचालित है जहाँ से प्रतिदिन बड़े पैमाने पर कोयला निकाला जा रहा है।जिससे कोल तस्कर मालामाल हो रहे है तो दूसरी तरफ सरकार कंगाल हो रही है।खनिज विभाग भी कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता ही करता दिखाई पड़ता है।

गौरतलब है कि जिले के रामानुजनगर व भैयाथान ब्लॉक में कई ऐसे स्थान है जहाँ से अवैध रूप से कोयला का उत्खनन किया जा रहा है। रामानुजनगर के राजापुर के गवटिया पारा आजकल ऐसे ही अवैध कोयला खदानों के लिए कोल माफियो के निशाने पर है।जहाँ से प्रतिदिन बड़े पैमाने पर कोयला की तस्करी हो रही है। जमीन के सतह पर यहां कोयला है और कोल तस्कर ग्रामीणों से ओने पौने दाम पर कोयला खरीद कर आसपास के इटभट्टा में बेच रहे है यही नही बाहर भी कोयला भेजा जा रहा है।

सूत्र बताते है की जिस नाले के पास यह कोयला का भंडार है वह बेहद खतरनाक है ,लेकिन ग्रामीण चंद रुपयों की लालच में जान जोखिम में डाल कोयला निकालते है।

खेत व तालाब बने काले हीरे का खान:–
एक खेत मे पानी के लिए तालाब बनाया जा रहा था तभी कुछ ही खुदाई पर काले हीरे का भंडार मिल गया इसी तरह इसी खेत से लगे नाले में भी खेत तक पानी पहुचाने के प्रयास में कोयले भंडार का भंडार निकल गया जहाँ से अब प्रतिदिन कोयला की निकासी कराई जा रही है।रात में बकायदे पानी निकालने की व्यवस्था के बाद कोयला निकालने का कार्य किया जाता है।

सूत्रों के अनुसार कोल के इस भंडारण पर कोल तस्कर सक्रिय हो गए ।जिसमे रामानुजनगर,विश्रामपुर के कुछ तस्कर स्थानीय तस्करों से मिल कर अफरा तफरी कर रहे है।

वहीं इस मामले में बुद्धजीवी बताते है की इस खेल में पुलिस अनजान की भूमिका में है जबकि ऐसा नही है बल्कि बकायदे पुलिस का हिस्सा भी बन्धा हुआ है। जिस जगह से कोयले का उत्खनन हो रहा है उक्त भूमि राजस्व की है तो कुछ हिस्सा वनविकास निगम का है।लेकिन दोनों विभाग या तो अनजान है या फिर चुप्पी के लिए उन्हें भी विवश किया गया है।

वहीं कोयले के अवैध कारोबार से सरकार को राजस्व का भी बड़ा नुकसान हो रहा है। जबकि तस्कर व पुलिस व खनिज विभाग के अधिकारी कर्मचारी मालामाल हो रहे है।

इस सम्बंध में जिला खनिज अधिकारी से फोन पर सम्पर्क किया गया लेकीन सम्पर्क नही हो पाने से उनका पक्ष ज्ञात नही हो सका।

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