मुख्यमंत्री बघेल गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए

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मुख्यमंत्री ने कहा – आज छेरछेरा पर्व पर कांकेर में छेरछेरा मांग कर एकत्र 1.24 लाख रुपये की राशि हॉस्पिटल के लिए की गई समर्पित

रायपुर, 28 जनवरी 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज दुर्ग जिले के पाटन में आयोजित तहसील स्तरीय गुरु घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने लोगों को गुरु घासीदास जयंती एवं छेरछेरा पर्व की बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण त्यौहार छेरछेरा के पर्व पर खुशी का इजहार करते हुए बताया कि मैंने स्वयं आज इस छेरछेरा पर्व में उत्साह से भाग लिया और कांकेर में एक लाख 24 हजार रुपये की राशि छेरछेरा मांग कर एकत्र की। जनहित को ध्यान में रखते हुए इसे अस्पताल को समर्पित कर दिया। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों से भी बातचीत कर उनके द्वारा उत्साह के साथ छेरछेरा पर्व मनाए जाने के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि मुझे भी इस पर्व पर छेरछेरा के गीत की वो पंक्ति - ’अरन, बरन, कोदो, डरन, जभे देबे तभे टरन’ खूब याद आई। 

मुख्यमंत्री ने समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि गुरु घासीदास जी के मार्ग पर चलते हुए हम सामाजिक समरसता के लिए काम कर रहे हैं। गुरु घासीदास जी का संदेश सत्य और अहिंसा का था। इस साल हमने गुरु घासीदास जयंती के मौके पर नया रायपुर में 10 एकड़ में गुरु घासीदास संग्रहालय स्थापना की घोषणा की। इसके साथ ही 200 सीटर आवासीय परिसर की घोषणा की, जिसमें अनुसूचित जाति के छात्र-छात्रा प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकेंगे। मिनीमाता डायग्नोस्टिक सेंटर की घोषणा की, जिसके माध्यम से आम जनता के लिए जांच की सुविधा आसान हो पाएगी। यशस्वी कलाकार देवदास बंजारे के नाम से पंथी नृत्य पुरस्कार आरंभ किया गया। पाटन ब्लॉक में एक करोड़ 91 लाख रुपए की लागत से अनुसूचित जाति बालिका छात्रावास बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सतनाम भवन का लोकार्पण भी किया। इसके साथ ही उन्होंने भवन में डोम शेड की घोषणा भी की। इस मौके पर पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार ने जैत खम्भ पर पालो चढ़ाया। पीएचई मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गुरु घासीदास जी का संदेश सामाजिक समरसता का है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हमेशा से सतनाम समाज के हितों को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करते रहे हैं। इस मौके पर जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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