November 25, 2024

शिशु संरक्षण माह का आयोजन 22 जनवरी से 26 फरवरी 2021 तक

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बच्चों को विटामिन ए और आयरन सिरप की खुराक दी जाएगी

जगदलपुर 20 जनवरी । कोरोना संकटकाल में लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। किसी भी बीमारी से बचाने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। अब अहम यह भी है कि ऐसे समय में विशेषकर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी ध्यान रखा जाए। पौष्टिक आहार के साथ ही उनके लिए विटामिन ए की खुराक देना काफी जरूरी है। यह खुराक नौ माह से 5 साल तक के बच्चों को 6 माह में एक बार दी जाती है । विटामिन ए की खुराक से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही कुपोषण में कमी भी आती है।

विटामिन ए की कमी से बच्चे लगातार बीमार पड़ सकते हैं। बच्चों की आंखें कमजोर होसकतीं हैं। इन बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन के निर्देशानुसार जिले में शिशु संरक्षण माह का आयोजन 22 जनवरी से 26 फरवरी 2021 तक किया जायेगा। इसके अंतर्गत निर्धारित तिथियों में सभी टीकाकरण केन्द्रों में मंगलवार एवं शुक्रवार को टीकाकरण की सेवाओं के साथ साथ विटामिन ए की खुराक भी प्रदान की जाएगी। शिशु संरक्षण माह के दौरान नौ माह से 11 माह तक के सभी बच्चों को एक एमएल की , एवं एक वर्ष से पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों को दो एमएल विटामिन ए की खुराक दी जायेगी साथ ही 06 माह से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को आयरन फॉलिक एसिड सिरप दी भी जाएगी।

10 सत्रों के लिये चलने वाला यह अभियान, 22 जनवरी, 29 जनवरी, 2 फरवरी, 5 फरवरी, 9 फरवरी, 12 फरवरी, 16 फरवरी, 19 फरवरी, 23 फरवरी, व 26 फरवरी को ऑगनबाड़ी केन्द्र व सुव्यवस्थित स्थान पर संचालित किया जाएगा । इस दौरान कोविड-19 के गाइडलाइन के अनुसार ही बच्चों को विटामिन ए और आयरन सिरप की खुराक दी जाएगी साथ ही शारीरिक दूरी का भी ध्यान रखा जायेगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आर.के.चतुर्वेदी ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा, शिशुवती माताएं निर्धारित समय में केंद्रों पर पहुंचकर अपने बच्चे को विटामिन ए की खुराक पिलाएं। विटामिन ए की दवा से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता व मानसिक विकास में वृद्धि एवं आंख में रात में होने वाला अंधापन (नाइट ब्लाइंडनेस) की रोकथाम में मदद मिलती है। कार्यक्रम के दौरान निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों को शत-प्रतिशत विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी।इस दौरान केंद्र पर भीड़ लगाने से बचें, शारीरिक दूरी का ध्यान रखें और पूर्व में निर्धारित समय पर पहुंचकर बच्चों को कार्यक्रम का लाभ दिलवाए।

क्या कहते हैं आंकड़े :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो बस्तर जिले में 9 माह से 5 वर्ष तक के लगभग 66 प्रतिशत बच्चों ने ही विटामिन ए की खुराक का सेवन किया है जबकि इस आयु वर्ग के सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक मिलना अत्यंत महत्वपूर्ण है इसलिए सरकार द्वारा हर 6 माह में शिशु संरक्षण माह का आयोजन किया जाता है ताकि सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जा सके ।

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