मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में धान की खरीदी व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति जारी करने का किया आग्रह
धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर पढ़ेगा विपरीत प्रभाव
वस्तुस्थिति से अवगत कराने मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री ने मिलने का मांगा समय
केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त न होने से वर्तमान में खरीदी केन्द्रों पर धान का उठाव न होने से जाम की स्थिति
रायपुर, 30 दिसम्बर 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में किसानों से धान खरीदी व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने के संबंध में आग्रह किया है।
श्री बघेल ने पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि धान खरीदी प्रभावित होने से राज्य के पंजीकृत 21.52 लाख किसानों की आजीविका पर विपरीत प्रभाव पड़ना निश्चित है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति तत्काल जारी करने का विन्रम अनुरोध है। इस विषय पर यदि आवश्यक हो तो वस्तुस्थिति से आपको अवगत कराने हेतु मुझे एवं मंत्रिमंडल के सदस्यों को समय भी दी जाए।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अवगत कराया है कि धान खरीदी कार्य पूर्ण करने हेतु बारदाने की व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है कृपया इसका संज्ञान लेना चाहेंगे। राज्य सरकार द्वारा जूट कमिश्नर, भारत सरकार के माध्यम से 3 लाख गठान बारदानों की आपूर्ति की मांग की थी, जिसके विरूद्ध राज्य को मात्र 1.45 लाख गठान बारदाने आबंटित हुए जिसमें से केवल 1.05 लाख गठान बारदाने ही प्राप्त हुए हैं। केन्द्र सरकार की अनुमति प्राप्त न होने से वर्तमान में खरीदी केन्द्रों पर धान का उठाव न होने के कारण जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। इससे धान के निराकरण में विलंब होगा जिससे भंडारित धान का क्षतिग्रस्त होना संभावित है।
गौरतलब है कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में केन्द्र सरकार द्वारा विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में छत्तीसगढ़ राज्य को 60 लाख मीट्रिक टन चावल उपार्जन हेतु सैद्धांतिक सहमति दी गई। जिसके उपरांत राज्य सरकार ने एक दिसम्बर 2020 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ की और अब तक 12 लाख किसानों से लगभग 47 लाख टन धान का उपार्जन हो चुका है। समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान को मिलिंग उपरांत केन्द्रीय पूल में भारतीय खाद्य निगम को परिदान किए जाने हेतु आवश्यक अनुमति खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग भारत सरकार से अभी तक अप्राप्त है। इस संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा केन्द्रीय खाद्य मंत्री को पत्र के माध्यम से एवं दूरभाष के माध्यम से कई बार अनुमति जारी करने हेतु अनुरोध किया गया, किन्तु अभी तक अनुमति प्राप्त नहीं हुई है।