भालूकोना-तूरमा सड़क मार्ग पर जानलेवा खतरनाक गढ़ढे
पीएमजीएसवाई के अधिकारी केवल दफ्तर तक ही सीमित
अधिकारियों के उदासीनता के चलते राहगीरों की मुश्किलें बढ़ी
बलौदाबाजार/लवन – गत दिवस भालूकोना-तूरमा मार्ग की सड़क को लेकर विभिन्न मीडिया व समाचार पत्रो में उक्त समस्याओं को लेकर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। समाचार प्रकाशन के एक सप्ताह बीत जाने के बावजूद पीएमजीएसवाई के जिम्मेदार अधिकारी की निंद्रा नहीं खुली है, शायद उस अधिकारी को किसी अप्रिय घटना का इंतजार है क्योंकि उक्त मार्ग में सैकड़ों जानलेवा गढ्ढे निर्मित हो गए है, जिसकी वजह से स्थानीय राहगीरों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। संबंधित विभाग के अधिकारियों की अनदेखी व लापरवाही के चलते भालूकोना-तुरमा मार्ग की हालत दयनीय हो गई है। ओवरलोड रेत वाहन चलने से सड़कों का दम निकल रहा है। ओवरलोड रेत वाहनों से सड़क तो खराब हो ही रही है साथ ही आने-जाने वाले राहगीरों को धुल व डस्ट से परेशान होना पड़ रहा है। इस पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सख्त कार्यवाही नहीं की जा रही है जिससे ओवरलोड भारी वाहन से सड़क की परते उखड़कर गढ्ढों मंे तब्दील हो रही है।
उल्लेखनीय है कि उक्त मार्ग की क्षमता 12 टन है, जहंा से 50 टन से भी अधिक वजनी हाईवा का रोजाना बेहताशा आना-जाना लगा हुआ है। वाहन मालिक व चालक अपने फायदे के लिए सड़क की दुर्दशा कर रहे है। जिससे सड़कों का दम निकल रहा है, जिस पर विभाग की ओर से कार्यवाही नहीं होने से वाहन चालकों के हौसले बुलंद होते जा रहे है। दरअसल इस सड़क से गुजरने वाले भारी वाहन निकटतम नदी से रेत का परिवहन करते है। इसके चलते भारी वाहनों का इस मार्ग पर दिनभर आना-जाना लगा रहता है। इसलिए आवागमन करने वाले लोगों में हादसे को लेकर डर बना रहता है। बावजूद विभाग द्वारा सड़कों की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की सावधानी नहीं बरती जा रही है। विभागीय अधिकारियों की बेपरवाही के कारण यह खस्ताहाल सड़क अपने आपको कोसने पर मजबूर है।
कहने के लिए तो क्षेत्र में सरपंच से लेकर तमाम तरह के जनप्रतिनिधि की बड़ी लंबी फौज है किन्तु जनहितों के मुद्दो से परे सब निजी स्वार्थ में माहिर नजर आ रहे है। यदि जनहितों के मद्देनजर इस प्रमुख सड़क के मरम्मत का मुद्दा उछाल लिया गया होता तो सड़क की यह दुर्दशा नहीं हुई होती। प्रधानमंत्री सड़क योजना से निर्मित भालूकोना-तुरमा मार्ग की जिम्मेदारी सम्हालने वाले जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए अपेक्षा की जा रही है कि जनहितों की मुद्दों पर शीघ्र ही अमल कर सड़क मरम्मत का कार्य पूर्ण करावें। वही दूसरी ओर भारी वाहनों के प्रवेश निषेध के लिए सड़क की शुरूआत में ही दोनों तरफ लोहे का दो एंगल विभाग की ओर से लगाया गया है, जिसके ऊपर लोहे का एक और एंगल लगने से भारी वाहनों का प्रवेश बंद हो सकता है। लेकिन विभाग की सुस्त रवैये के चलते रेत माफियाओं का भारी वाहन धड़ल्ले से रोजना आना-जाना हो रहा है। जिस पर विभाग के जिम्मेदारी अधिकारी मुकदर्शक बनकर बैठे हुए नजर आ रहे है। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि रोड के शुरूआत में रोड के तरफ बेरियल लगाये हुए थे लेकिन किसी असामाजिक तत्व के द्वारा बेरियल को तोड़ दिये है कहकर जिम्मेदार अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आये।
"कलेक्टर साहब से अनुमति लेकर बेरियल लगाया गया था। लगा हुआ बेरियल को काई तोड़ दिये है, कार्रवाई के लिए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को पत्र लिखे है। "
अखिलेश तिवारी,
कार्यपालन अभियंता
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना