रमन सिंह मौतों पर राजनीति मत करें-मोहन मरकाम
रायपुर/19 नवंबर 2020। भाजपा नेता रमनसिंह द्वारा केन्द्री में पूरे परिवार की मौत को राज्य की अर्थव्यवस्था से जोड़े जाने की कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मुद्दाविहीन भाजपा और रमन सिंह एक परिवार की हृदय विदारक मौत पर घृणित राजनीति कर रहे है। सारा देश जनता है कोरोना संकट के बावजूद छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति में है। छत्तीसगढ़ का ग्रोथ रेट बढ़ा है, राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आई है, जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है। इसके विपरीत देश की अर्थव्यवस्था जरूर कमजोर हुई है। देश की जीडीपी माईनस 23 के नीचे पहुंच गयी। बेरोजगारी दर भयावह हो गयी है। नौकरियां जा रही, उद्योग धंधे तबाह हो रहे। यदि रमन सिंह को खराब आर्थिक स्थिति पर किसी को कोसना ही है तो वह केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस दिखाए।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि रमन सिंह केन्द्री के मृत परिवार के घर जाकर स्तरहीन राजनीति करने के बजाय आत्म अवलोकन करें। उनके कार्यकाल में छत्तीसगढ़ के 15,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर लिया था तब वे किसी एक किसान के घर भी संवेदना व्यक्त करने क्यो नही गए थे? उनकी संवेदना क्या सत्ता रहने और जाने से जुड़ी हुई है। रमन सिंह के शासन काल में राज्य में 17 महिलाओं की मौत नशबंदी शिविर में हो गयी, रमन सिंह मुख्यमंत्री रहते उन माताओ के बच्चों के पास भी संवेदना व्यक्त करने नहीं गए थे। राज्य में जब बालोद, कवर्धा, बागबाहरा नेत्र कांड में सौ से अधिक बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चली गयी, दर्जनों की जान गई, राजधानी रायपुर में चंद रुपयों के लिए महिलाओं के गर्भाशय निकाल लिए गए थे तब भी रमन सिंह किसी के घर संवेदना व्यक्त करने जाने का साहस नही दिखा पाए थे। सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से लोग मरते रहे, रमन संवेदनशून्य बने रहे आज वे एक परिवार की दुःखद मौत पर राजनीतिक रोटी सेंकने की निंदनीय कोशिश कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सत्ता हाथ से निकलने के बाद खाली बैठे रमन सिंह की वास्तव में संवेदना जागृत हुई है तो उन्हें उनके कार्यकाल में आत्महत्या किए 15000 किसानों, गर्भाशय कांड की पीड़ित महिलाओं, नसबंदी कांड में मृत महिलाओं के परिजनों के घरों पर जाकर उन सभी से माफी मांगे।