सुस्त जीवनशैली, ठंड में जोड़ों के दर्द को बढ़ा देती है।
जगदलपुर 12 नवम्बर। ठंड के मौसम में अस्वस्थ जीवनशैली और खानपान की अनदेखी से, सर्दी-जुकाम या फ्लू तो होते ही हैं, कंधों, घुटनों व अन्य जोड़ो में दर्द के मामले भी बढ़ने लगते हैं। अगर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम है, तो पुरानी चोट व दर्द भी उभर आते हैं। चूंकि ठंड ने दस्तक दे दी है, ऐसे में मांसपेशियों व जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों के लिए पहले से सावधान हो जाना ही बेहतर रहेगा।
जिला अस्पताल के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ सजंय प्रसाद ने बताया, अगर जीवनशैली सुस्त है तो जोड़ों के ऊपर ठंड का असर ज्यादा पड़ता है। उनके आसपास की कोशिकाएं और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। जोड़ कठोर हो जाते हैं। उनके लचीलेपन में कमी आती है। इससे हिलने-डुलने पर जोड़ों को अपना काम करने में परेशानी होने लगती है। यही दर्द का कारण बनता है। उम्र बढ़ने के साथ कार्टिलेज घिसने लगते हैं, ऐसे में हड्डियों के आपस में टकराने से भी दर्द होता है।
उन्होंने बताया खाने में उन चीजों को शामिल करें, जो शरीर को गर्म रखें और वजन न बढ़ने दें। वजन बढ़ना, जोड़ों पर अधिक दबाव डालता है। मसालों में काली मिर्च, हल्दी, दाल चीनी शरीर को गर्म रखते हैं। और इससे रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है। मौसम्बी,संतरा, जैसे मौसमी फल, एवं हरी सब्जियां और भाजी जैसे पालक, सरसों व मेथी जरूर खाएं। इससे गठिया या जोड़ों के दर्द में भी आराम मिलता है। दिन में दो से तीन अलग-अलग तरह के फल खाना बेहतर रहेगा। जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वालों को विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन डी ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए। संतरा, पालक, पत्तागोभी और टमाटर खाएं। ये तीनों कार्टिलेज की सेहत के लिए भी बेहतर होते हैं।
सर्दियों में प्यास कम लगने से पानी पीना कम न करें। शरीर में पानी की कमी भी जोड़ों और मांसपेशियों को सख्त बना देती है। बेहतर है कि गुनगना पानी पीते रहें। पानी की पूर्ति भी होगी और संक्रमण का असर भी कम होगा। गर्म भोजन ही खाएं। खाने के बाद गर्म पानी पिएं। अगर फ्रिज में रखी चीजें खा रहे हैं तो कम से कम दो घंटे पहले निकाल कर रख लें,ताकि सामान्य तापमान में आ जाए।
शरीर की सक्रियता बढ़ने और वजन काबू में रखने से जोड़ों के दर्द में सुधार आता है। वजन घटाने और जोड़ों को मजबूत करने वाले व्यायाम जरूर करें। अगर व्यायाम बिल्कुल नहीं करते हैं तो 10 मिनट के लिये कुछ व्यायाम अवश्य करें। बाद में समय बढ़ा दें। घुटनों और मांसपेशियों वाले व्यायाम पर जोर दें। कड़ी मेहनत वाले व्यायाम ना भी करें तो स्ट्रेचिंग व्यायामों से भी लाभ मिलता है। ब्रिस्क वॉकिंग यानी तेज गति से पैदल चलें। इससे शरीर का रक्तसंचार बेहतर होगा। शरीर को गर्मी मिलेगी।
उम्रदराज लोगों में जोड़ों का दर्द अधिक होता है, अगर जोड़ों में लगातार दर्द रहता है तो योग विशेषज्ञ या फिजियोथेरेपिस्ट की मदद लें। जब भी घर से बाहर निकलें, ऐसे कपड़े पहनें जो शरीर को पूरी गर्मी दें। शरीर के कोमल हिस्सों जैसे कान, गर्दन के आगे का हिस्सा, सिर व पैरों को ढक कर रखें। क्योंकि सर्दी लगने पर इन्हीं हिस्सों को ज्यादा नुकसान होता है। दर्द अगर ज्यादा है तो सुबह और शाम, जिस समय तापमान कम होता है, घर के भीतर रहें।