गौवंशीय एवं भैसवंशीय पशुओं में खुरहा-चपका बीमारी की रोकथाम के लिए निःशुल्क टीकाकरण अभियान जारी :लगभग एक करोड़ पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य

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पशुधन विकास मंत्री श्री अग्रवाल ने जिला पंचायत अध्यक्षों को अभियान में सहयोग के लिए लिखी चिट्ठी
रायपुर,पशुधन विकास मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने गौवंशीय एवं भैसवंशीय पशुओं में एफएमडी (खुरहा-चपका बीमारी) की रोकथाम के लिए बीते 16 दिसम्बर से शुरू सघन निःशुल्क टीकाकरण अभियान के क्रियान्वयन में सक्रिय सहयोग की अपेक्षा जिला पंचायत अध्यक्षों से की है। श्री अग्रवाल ने जिला पंचायत अध्यक्षों को इस संबंध में पत्र लिखा। राज्य शासन के कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह ने भी जिला कलेक्टरों और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को पत्र भेजकर अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया है।
श्री अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि प्रदेश में खेती-किसानी तथा दूध व्यवसाय के लिए पशु पालक गौवंशीय और भैसवंशीय पशुओं का पालन करते हैं। विषाणु जनित घातक रोग खुरहा और चपका के कारण दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता प्रभावित होती है। इन बीमारियों से खेती-किसानी में काम आने वाले पशुओं की कार्यक्षमता पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इन बीमारियों की चपेट में आने से छोटे उम्र के बछड़ों एवं बछिया की मृत्यु दर भी बढ़ जाती है। पशुपालक किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
केन्द्र सरकार ने एमएफडी मुक्त भारत अभियान के तहत छत्तीसगढ़ का चयन पहली बार किया है। राज्य शासन के पशुधन विकास विभाग द्वारा इस वर्ष एफएमडी सघन टीकाकरण अभियान 16 नवम्बर से शुरू किया गया। इक्कीस दिन का यह अभियान छह दिसम्बर तक चलेगा। गौवंशीय एवं भैस वंशीय पशुओं को खुरहा-चपका बीमारी से बचाने में इस अभियान से सफलता मिलेगी। पशुधन विकास मंत्री श्री अग्रवाल ने बताया कि अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में लगभग एक करोड़ गौवंशीय एवं भैसवंशीय पशुओं को निःशुल्क टीके लगाने की तैयारी की गई है। अभियान को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में टीकाकरण दल बनाए गए हैं। दल के सदस्यों द्वारा गांवों में जाकर पशुआंे को टीके लगाने का काम किया जा रहा है।