जान हथेली में डालकर पटरी पार करने को यात्री हो रहे मजबूर
JOGI EXPRESS
छत्तीसगढ़ सोहैल आलम मध्यप्रदेष और छत्तीसगढ़ राज्य का सीमा का आखरी रेलवे स्टेषन वेंकटनगर जो दिनों अपने दुर्दषा को रो रहा है,जहॉ एक ओर वेंकटनगर रेलवे स्टेषन से लगभग आसपास के 10-12 गॉव लगे है। जहॉ से रेलवे की यात्रा के लिये प्रतिदिन इन गांवो के यात्रियों का आना-जाना काफी तादाद में लगा रहता है। एक ओर वेंकटनगर रेलवे स्टेषन के दोनो ओर आबादी होने के कारण लोगो का नजदीकी रास्ता इन्ही रेलवे स्टेषन की पटरियों के बीच से ही निकालता है,जिसमें आम आदमी व रेलवे की यात्रा करने वाले यात्रियों को अपनी जान जोखित डालते हुये इन पअरियों पार करके ही आना जाना सम्भव हो पाता है। वहीं वेंकअनगर रेलवे स्टेषन बिलासपुर-कटनी रेल खण्ड के बीच स्थित होने व यातायात के भारी दबाव होने के कारण यहां पर घण्टो मालगाडि़यां खड़ी रहती है। वही वेंकटनगर की आधी आवादी और महत्वपूर्ण संस्थान जैसे वेंकटनगर मुख्य बाजार,स्कूल,अस्पताल,बैंक,पोस्ट आफिस, एटीएम व बस स्टैण्ड वेंकटनगर के इस ओर है,और लोग अपनी जरूरत के हिसाब हर समय इस ओर आना जाना लगा रहता है। स्थानीय स्कूली बच्चे, बुजुर्गो ,महिलायों तथा मरीजो को रेलवे लाइन पार कर के जाना ही एक विकल्प है। जहॉ एक ओर स्कूल जाने वाले छोटे-छोेटे बच्चो ,बुजुर्ग तथा मरीजो को इस ओर आने के लिये रेलवे लाइन क्रास करना पड़ता है वही घंटो खडी गाडि़यों के परिणामस्वरूप रेलवे ट्रेक पार करने के लिये इनके नीचे से निकाल पड़ता हैं ,गाडि़यो के नीचे से निकाले के कारण काई बार तो यात्री गंभीर रूप से घायल तक हो जाते है।
एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म की ओर जाने के लिये नही ब्रिज
वही दूसरी ओर दोहरीकरण के फलस्वरूप जहॉ एक ओर नई सौगात के रूप में वेंकटनगर में दो नये प्लेटफामों का निर्माण हुआ वही ओवर ब्रिज न होन के कारण बिलासपुर से कटनी की ओर जाने वाली समस्त पैंसेजर गाड़ी प्लेटफार्म नं -2 पर खड़ी होने लगी ,जहॉ एक ओर टिकट काउन्टर प्लेटफॅार्म न.ं-1 पर वही प्लेटफार्म नं -2 पर आने एक मात्र साधन रेलवे ट्रेक व स्टेषन पर खड़ी गाडियों के नीचे से होकर जाना संभव हो पाता है। कभी-कभी तो ऐसी स्थित निर्मित हो जाती है कि प्लेटफॅार्म न.ं-1 पर खड़ी गाड़ी छुटने लग जाती तो दूसरी ओर प्लेटफार्म नं -2 पर आई पैंसेजर गाड़ी वही समय पर टिकट न मिले पाने के कारण यात्रियों ट्रेन तक छुट जाती है। जहॉ एक ओर प्लेटफार्म 1 से 2 में आने से बुजर्गो व गर्वभती महिलाओं के पसीने छुट जाते है ,वही छोटे-छोटे स्कूली बच्चों की आम दिनचर्या में यह षामिल हो गया है। जहॉ एक ओर पूर्व में रेलवे टैªक पार करने के चक्कर में कई लोगो अपने जान से हाथ धोना पड़ा वही कई लोग जिंदगी भर के लिये अपंगता का षिकार हो गये।
सुविधा को तरस रहा वेंकटनगर रेलवे स्टेशन
पीने के पानी के लिये नल तो लगा है,लेकिन अब वो षोपीस के समान हो गये वही प्लेटफार्म नं एक यात्रियों के बैठने के लिये कुर्सियॉ भी प्रयाप्त मात्रा में नही होने से यात्रियों को घंटों खड़े ही खडे टेªन इंतजार करना पड़ता है । वही रीवा से बिलासपुर के लिये चलने वाली इकलौती पैंसेजर गाड़ी को भी एक्सप्रेस करने से व यात्री किराये में की गई भारी वृद्धि से इस टेªन में यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी नुकासन हो रहा है जहॉ एक ओर पहले 25 से 30 रूपये में वेंकटनगर से बिलासपुर की यात्रा पूरी हो जाती है वही अब यही यात्रा उसी ट्रेन में 55 से 60 रूपये में पूरी हो रही है। सुविधा के नाम पर बस ही इतना इकलौती पैंसेजर गाड़ी को एक्सप्रेस कर दिया गया और उसका किराया धल्लड़े वसुला जाने लगा वही यात्रियों सुविधा के नाम पर कुछ नहीं ।
इनका कहना है…
हम लोगो को अनुपपुर,शहडोल व कटनी जाने के लिये प्लेटफॅार्म न.-1 से प्लेटफॅार्म न.-2 जाना पड़ता है, वही ओवर ब्रिज न होन के कारण हमे ट्रेक पर खड़ी गाडियों के नीचे निकलना पडता है, कभी-कभी इस चक्कर हमारी ट्रेन तक छुट जाती है,जिससे हम लोगों को काफी समस्या हो जाती है।
सोनू केवट यात्री वेंकटनगर
इस पार से उस पार जाने के लिये रेल पटरियों के बीच से ही निकालना पड़ता है ,वहीं कई बार ट्रेन पकडने के लिये ट्रेन के नीचे से निकल कर उस पार जाना संभव हो पाता है, अगर ओवर ब्रिज बन जाये तो हम महिलाओं को काफी सहुलियत हो जायेगी।
राम बाई महिला यात्री