ई-कोर्ट से राजस्व प्रकरणों का शीघ्र निराकरणराज्य के विभिन्न राजस्व न्यायालयों द्वारा 5.21 लाख से ज्यादा प्रकरण निराकृत
रायपुर, 15 अक्टूबर 2020/ छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन एवं राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल के प्रयासों से प्रदेश में आम लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में ई-कोर्ट के माध्यम से राजस्व विभाग के कार्यों का सरलीकरण कर राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण की सार्थक शुरूआत हुई है। अब प्रदेश के सभी जिलों में ई-कोर्ट के तहत राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है जिससे लोगों को इसका लाभ मिलने लगा है। प्रदेश भर के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में अब तक करीब पांच लाख 21 हजार 371 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है । इससे पहले राजस्व न्यायालय में दर्ज सभी प्रकरणों की जानकारी लेने के लिए जिला अथवा तहसील मुख्यालय आना पड़ता था। राजस्व ई-कोर्ट की शुरूआत होने से संबंधितों के लिए राजस्व न्यायालय में प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती मिल रही है। साथ ही पक्षकारों को उनके प्रकरणो में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो रही है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी भी ई कोर्ट में उपलब्ध है। पक्षकारों को सुनवाई के बाद आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना भी दी जा रही है। प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रही है। राजस्व प्रशासन ने राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए ई-कोर्ट व्यवस्था प्रारंभ की गई है। राजस्व न्यायालयों में संधारित किए जाने वाले दायरा पंजी, वाद पंजी एवं अर्थदण्ड पंजी को ई-कोर्ट व्यवस्था के अंतर्गत ऑनलाईन किया गया है। ई-कोर्ट में विचाराधीन प्रकरणों से संबंधित भूमि की जानकारी ऑनलाईन उपलब्ध करायी गई है। आम जनता को भू अभिलेखों की दुरूस्ती हेतु ऑनलाईन आवेदन करने एवं आवेदन पर की गई कार्यवाही की वर्तमान स्थिति ऑनलाईन देखने की सुविधा दी जा रही है। पटवारी द्वारा संधारित नामांतरण पंजी को भी ऑनलाईन नामांतरण पंजी में परिवर्तित किया गया है। भू अभिलेखों तक लोगों की आसान पहुंच सुनिश्चित करने हेतु एन्ड्राइड एप्प पर उपलब्ध कराया गया है। खसरा एवं बी-1 की डिजिटल हस्ताक्षरयुक्त प्रतिलिपि ऑनलाईन निःशुल्क कही से भी कभी भी प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। राजस्व ई-कोर्ट के तहत राजस्व न्यायालय मे कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार तक के सभी न्यायालय पंजीबद्ध हैं। प्रकरणो के पंजीयन से लेकर अंतिम निराकरण तक सारी कार्यवाही जैसे कि आदेश पत्र लिखना, साक्ष्य अंकित करना एवं अंतिम आदेश पारित करना आदि ऑनलाइन करने या अपलोड करने का प्रावधान है। राजस्व न्यायालय मे प्राप्त होने वाले सभी आवेदन ऑनलाइन दर्ज कर आवेदक को पावती प्रदाय करने की व्यवस्था की गई है। पक्षकारों को उनके प्रकरणांे में की जा रही कार्यवाही की अद्यतन जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है। विचारधीन प्रकरण एवं खसरा की जानकारी ई-कोर्ट में उपलब्ध है। पक्षकारों को सुनवाई पश्चात आगामी पेशी तारीख की एसएमएस या मैसेज के माध्यम से सूचना संप्रेषण का प्रावधान किया गया है। प्रत्येक न्यायालय की वाद सूची भी ऑनलाइन उपलब्ध करने का प्रावधान कोर्ट में हैं।