November 23, 2024

वाणिज्यिक-कर संबंधी मामलों पर मंत्री सिंहदेव को वर्ल्यानी ने दिए सुझाव

0

रायपुर/15 अक्टूबर 2020। कोरोना काल में लाक डाउन के चलते उद्योग-व्यापार की गतिविधियॉं लगभग बंद रही। अनलाक होते ही व्यापारी-उद्योगपति अपने-अपने व्यापार-उद्योग को पटरी पर लाने में लग गए। इस दौरान जी.एस.टी संबंधी कंपलायांस के साथ ही वेट के पुराने प्रकरणों के निवृतन से भी उन्हें जूझना पड़ रहा है। लाक डाउन के कारण राज्य शासन का राजस्व भी गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। अतः वाणिज्यिक कर विभाग ने पुरानी बकाया वसूली और वेट-प्रकरणों के निपटान के लिए भी दबाव बनाया है। इन सबसे व्यापारी-उद्योगपति विचलित एवं परेशान हैं। कोरोना काल में उपजी इन समस्याओं के निदान के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी, जो पेशे से टैक्स एडवोकेट हैं, ने छत्तीसगढ़ के वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव से उनके निवास में भेंटकर, उन्हें वेट प्रकरणों के निवृतन, बकाया वसूली, रिफंड आदि को लेकर कुछ व्यवहारिक सुझाव सौंपे ताकि इनका निराकरण हो सके। इस अवसर पर वाणिज्यिक कर विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती मनिन्दर कौर द्विवेदी भी उपस्थित थी।
श्री वर्ल्यानी ने वाणिज्यिक कर की बकाया वसूली को लेकर व्यवसायी के बैंक-खाते को सीज करने की विभागीय कार्यवाही को न्यायसंगत बनाने कहा है। इस पर उन्होंने सुझाव दिया है कि जिन प्रकरणों की नियमित सुनवाई में अतिरिक्त मांग सृजित हुई है- उनकी वसूली के लिए अंतिम विकल्प के रूप में बैंक खाता सीज किया जाए। लेकिन वर्तमान परिस्थिति में यह कार्यवाही दीवाली पश्चात् की जाए क्योंकि तब तक नगद तरलता की स्थिति में सुधार आएगा। लेकिन एकपक्षीय कर निर्धारण आदेश में सृजित मांग को लेकर, बैंक खाता सीज करने की कार्यवाही नहीं की जाए, क्योंकि एकपक्षीय आदेश में अनेक छूट प्रमाण के अभाव में नहीं दिए जाने से, मनमानी कर राशि एवं पेनाल्टी सृजित हो जाती है जबकि वास्तविक मांग उतनी नहीं होती है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में स्व-प्रेरणा से या व्यवसायी द्वारा आवेदन दिए जाने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए विभाग को ऐसे प्रकरणों को पुनः सुनवाई के लिए रिमांड करना चाहिए।
श्री वर्ल्यानी ने कोरोना काल में व्यापार-उद्योग को राहत प्रदान करने के लिए उनके रिफंड मामलों का त्वरित निपटारा किये जाने का आग्रह किया। उन्होंने इनकम टैक्स विभाग का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने ऑन लाइन रिफंड देने में तेजी दिखलाई है लेकिन विभाग अभी भी पुरानी लीक पर चल रहा है और स्क्रूटनी के नाम पर रिफंड को महीनों लटकाए रखा जाता है जो सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय प्रकरण वर्ष 2015-16 के प्रकरणों में दीवाली के त्योहारी सीजन को देखते हुए नवंबर माह तक कोई एकपक्षीय आदेश जारी नहीं किए जाए। साथ ही उन्होंने मांग की कि नवा रायपुर स्थित सहायक आयुक्तों को प्रकरणों के निवृतन के लिए सप्ताह में दो दिन सिविल लाइंस स्थित वाणिज्यिक कर भवन में उपस्थित रहने निर्देशित किया जाए। वाणिज्यिक कर मंत्री श्री टी. एस. सिंहदेव ने इन सुझावों को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही करने आश्वस्त किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *