दस लाख मैट्रिक टन धान का नही हुआ उठाव,प्रदेश सरकार अन्न और अन्नदाता का कर रही अपमान : कौशिक
रायपुर । नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश के धान संग्रहण केंद्रो से अब तक दस लाख मैट्रिक टन धान के उठाव नही होने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ,समय रहते धा कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया पूरी हो जाती ,तो उससे प्रदेश को नुकसान नही होता। कांग्रेस सरकार के इस रवैया से अन्न व अन्नदाता किसान का अपमान हो रहा है।जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई है ,किसानों को लेकर उनकी नीति गैरजिम्मेदाराना रही है। जिन्हें कस्टम मिलिंग की जिम्मेदारी दी गई थी ।वह अपनी जवाबदारी से बचते हुए धान उपार्जन में लगे बेगुनाह कर्मचारियों पर कार्यवाही कर रहे हैं। जो बहुत ही दुर्भाग्यजनक व निंदनीय है।उन्होंने कहा कि किसानों को छल कर सत्ता में आई कांग्रेस को इस बात की चिंता कभी भी नही रही है कि किसानों के हित में बेहतर कदम उठाए जाएं और उनकी चिंता की जाए । प्रदेश के कमोबेस धान संग्रहण केंद्रों में धान बारिश में पूरी तरह भीग गया है और अंकुरण भी आ चुका है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा धान खरीदी एक नवंबर से ही की जानी चाहिए ,जिससे किसानों को सीधा लाभ और कस्टम मिलिंग को लेकर जो निर्धारित समय है उसकी भी प्रक्रिया समय पर तय हो सके , प्रदेश सरकार अब तक स्पष्ट नही कर पाई है कि आखिर धान की खरीदी कब से की जाएगी, जो संशय की स्थिति बनी हुई है ,उससे किसानों को निराशा है ।नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने माँग की है कि धान के उठाव के लिए जो देरी हुई है उसके लिये जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि धान संग्रहण केंद्र सोसाइटी के निर्दोष लोगों पर बेवजह कार्रवाई करना गलत है। इसके लिये तो कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी जिम्मेदार हैं। जिन पर कार्रवाई की जानी चाहिये।