November 22, 2024

अगर सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार बाबरी मस्जिद का गिरना अपराध था तो विशेष अदालत के फैसले के बाद अपराधी कौन है?

0

रायपुर/30 सितंबर 2020।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अगर सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार बाबरी मस्जिद का गिरना  अपराध था तो विशेष अदालत के फैसले के बाद अपराधी कौन है ? केन्द्र और राज्य सरकार विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर करे। सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की खंडपीठ के 9 नवंबर, 2019 के निर्णय के मुताबिक बाबरी मस्जिद को गिराया जाना एक गैरकानूनी अपराध था पर विशेष अदालत ने सब दोषियों को बरी कर दिया।

“ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि संविधान, सामाजिक सौहार्द्र व भाईचारे में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उम्मीद व अपेक्षा करता है कि विशेष अदालत के इस निर्णय के विरुद्ध प्रांतीय व केंद्रीय सरकारें उच्च अदालत में अपील दायर करेंगी तथा बगैर किसी पक्षपात या पूर्वाग्रह के देश के संविधान और देश के कानून की अनुपालन करेंगी। भारत का “संविधान सभी धर्मों की समानता को बताता है। सहिष्णुता और आपसी सह-अस्तित्व हमारे राष्ट्र और इसके लोगों की धर्मनिरपेक्ष प्रतिबद्धता का पोषण करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों के फैसले में लिखा था कि ”6 दिसंबर 1992 को, मस्जिद की संरचना को नीचे लाया गया और मस्जिद को नष्ट कर दिया गया। यथास्थिति के आदेश के उल्लंघन में मस्जिद का विनाश हुआ और इस न्यायालय को एक आश्वासन दिया गया। मस्जिद का विनाश और इस्लामिक ढांचे का विस्मरण कानून के शासन का एक अहंकारी उल्लंघन था।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि पूरा देश जानता है कि भाजपा-आरएसएस व उनके नेताओं ने राजनैतिक फायदे के लिए देश व समाज के सांप्रदायिक सौहार्द्र को तोड़ने का एक घिनौना षडयंत्र किया था। उस समय की उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार भी सांप्रदायिक सौहार्द्र भंग करने की इस साजिश में शामिल थी। यहां तक कि उस समय झूठा शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट तक को बरगलाया गया। इन सब पहलुओं, तथ्यों व साक्ष्यों को परखने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद को गिराया जाना गैरकानूनी अपराध ठहराया था।

 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *