November 23, 2024

मप्र पुलिस द्वारा कवर्धा में आदिवासी की हत्या पर राज्य के भाजपा नेता क्यो चुप है? -कांग्रेस

0

छोटे छोटे मामलों पर ट्यूट करने वाले रमन सिंह आदिवसियों की हत्या पर मौन है

रायपुर /16 सितम्बर 2020/भारतीय जनता पार्टी का आदिवासी विरोधी चेहरा एक बार फिर खुल कर सामने आया है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा से सवाल किया कि मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा कवर्धा के निर्दोष आदिवासी की हत्या पर राज्य के भाजपा नेता क्यो चुप है ? कवर्धा में दो आदिवासियों पर मध्यप्रदेश पुलिस ने गोलियां चलाई जिसमे एक कि मृत्यु हो गयी दूसरा बाल बाल बच गया ।इन दोनों ही आदिवासियों को नक्सली होने का झूठा आरोप मढ़ने की कोशिश भी मध्यप्रदेश पुलिस ने किया ।छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मो अकबर ने इस मामले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने हेतु मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को दो पत्र भी लिखा ।इसके बाद भी मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई। इस मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग के भी संज्ञान लिए जाने की खबरे आ रही हैं ।इसके बावजूद मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा कोई कार्यवाही नही करना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार दोषियों को बचाना चाह रही है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने छत्तीसगढ़ भाजपा से पूछा कि इस मामले में उसका क्या रुख है ?राज्य के आदिवासियों को भाजपा शासन वाली पडोसी राज्य की पुलिस जबरिया गोलियों से मार डालती है छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता सन्देहास्पद चुप्पी क्यों साधे हुए है ,?छोटे छोटे मसलो में ट्यूट करने वाले रमन सिंह ,धर्मलाल कौशिक ,बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर जैसे नेताओं की बोलती अब क्यो बन्द है ?क्या राज्य के गरीब आदिवासी की जिंदगी का भाजपा नेताओं की निगाह में कोई महत्व नही है ?जिस मामले में राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री दो दो बार पत्र लिख चुके है मप्र का मानव अधिकार आयोग संज्ञान ले रहा है उस मामले में भाजपा नेता सिर्फ इसलिए मध्यप्रदेश सरकार से सवाल करने का साहस नही दिखा पा रहे क्योकि मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है।इस मामले को उठाने पर अपने दल के सरकार की बदनामी होगी । मप्र में उपचुनाव होने वाले है सवाल करने पर भाजपा के शिवराज सरकार की बदनामी होगी और उपचुनाव में भाजपा की चुनावी सम्भवनाओ पर असर पड़ेगा । छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओ के लिए दलीय प्रतिबद्धता राज्य के एक आदिवासी के जीवन से भी बढ़ कर हो गयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *