कांग्रेस के आरोपों पर रमन सिंह की प्रतिक्रिया खोखली
रायपुर/11 अगस्त 2020। आज कांग्रेस नेताओं द्वारा रमन सिंह जी पर लगाये गये दस्तावेज सहित सप्रमाण आरोपों पर रमन सिंह की प्रतिक्रिया को कांग्रेस ने खोखला निरूपित किया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अपने खिलाफ दस्तावेजी सबूत के सामने आने से रमन सिंह बौखला गये है। रमन सिंह ने इसी बौखलाहट में झूठे एवं निराधार आरोप लगाये। रमन सिंह जी के सरकार में रहते हुये भी जब भी कांग्रेस ने आरोप लगाये, दस्तावेजी सबूतों और प्रमाणों के साथ लगाये है। नान घोटाला, पनाम पेपर्स, प्रियदर्शनी बैंक घोटाला, अंतागढ़ में लोकतंत्र की हत्या, बस्तरिया लोगों पर अत्याचार, अनाचार हर आरोप के साथ कांग्रेस ने दस्तावेज और प्रमाण जारी किये। आज रमन सिंह द्वारा कांग्रेस की सरकार पर लगाये गये आरोप असत्य, निराधार और स्वयं के खिलाफ प्रमाणिक दस्तावेजी सबूत सामने आने की बौखलाहट में लगाये गये मिथ्या आरोप है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने रमन सिंह के आज के ताजातरीन बचाव को खारिज करते हुये पूछा है कि रमन सिंह जी के परिवार में सोना-चाँदी अंडे देते है क्या? 23 तोला सोना बढ़कर 57 तोला हो गया, 55 तोला सोना बढ़कर 235 तोला हो गया, 8 किलो चांदी 18 किलो हो गयी तो संपत्ति बढ़ी है कि नहीं? रमन सिंह जी बतायें कि 28 लाख का कर्ज पटा है कि नही। रमन सिंह जी के बैंक खाते में पैसे 5 लाख से बढ़कर एक करोड़ से ज्यादा हो गये। हिन्दु परिवार के खाते में जमा रूपये 6017 से बढ़कर 15 लाख 26 हजार हो गये। रमन सिंह जी इसे मात्र संपत्ति की कीमत बढ़ना कैसे कह सकते है? रमन सिंह जी के परिवार में सोना-चांदी अंडे देते है क्या?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सब कुछ पब्लिक डोमेन में है यह कहकर रमन सिंह ने निहायत ही खोखला बचाव किया है। सब कुछ अगर पब्लिक डोमेन में है तो रमन सिंह जी कांग्रेस के इस सवाल का जवाब क्यों नहीं देते कि उनकी संपत्ति 10 गुना कैसे हो गई ? कांग्रेस ने रमन सिंह जी द्वारा हर चुनाव में दिए गए शपथ पत्रों के आधार पर उनसे साफ सुस्पष्ट सवाल पूछे हैं जिसका रमन सिंह के पास कोई जवाब नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि सब कुछ पब्लिक डोमेन में है बोलकर रमन सिंह जी जनता के इन सवालों का जवाब देने की अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते कि 27 लाख रुपए सालाना की आय के बाद संपत्ति कई गुना कैसे बढ़ गई ? सोना चांदी कैसे बढ़ गया? कौन सा पत्थर मिला था रमन सिंह जी को इसका जवाब तो उनको देना होगा। आकांक्षी जिलों के विकास के नाम पर आदिवासी इलाकों के विकास के लिए आने वाली करोड़ों रुपए की राशि रमन सिंह शासनकाल में हजम कर ली गई। पैसा कहां से आया ? क्या मुख्यमंत्री की कुर्सी ने उगला सोना चांदी? बैंकों में पैसा कैसे बढ़ता गया और आय से अधिक संपत्ति कहां से आई? रमन सिंह जी सब कुछ पब्लिक डोमेन में है यह कहकर इस जांच से और इन सवालों का जवाब देने से बच नहीं सकते।