November 23, 2024

फसलों की सुरक्षा, पशुधन की देखभाल के साथ आजिविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहे गौठान

0

रायपुर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ग्रामीणों के कौशल, उनके लाभ और गांव में ही बाजार की उपलब्धता के आधार पर अनेक योजनाएं लागू की है। चाहे वह सुराजी ग्राम योजना हो या गोधन न्याय योजना। सभी योजनाएं ग्रामीणों की सहभागिता से ही सफल हो पा रही है। फसलों की सुरक्षा और पशुधन की बेहतर देखभाल के साथ ही गौठान भी आजीविका केंद्र के रूप में विकसित हो रहे हैं। आज हम गौठान में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा संचालित ऐसी गतिविधियों की बात करेंगे जिसको नक्सल प्रभावित नारायणपुर की महिलाएं पूरी लगन से कर रही है। नारायणपुर जिला मुख्यालय से 8-10 किलोमीटर दूर कोचवाही की माँ शीतला महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं पेवर ब्लाक का निर्माण कर स्वालम्बन की नई गाथा लिख रही है। ये महिलाएं 8-10 माह से गौठान में विविध गतिविधियाँ संचालित कर अपनी आमदनी बढ़ा रही है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती शकुंतीन बाई ने बताया कि उनके समूह द्वारा अब तक 4 लाख रुपये की पेवर ब्लाक बेची जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जिले में पेवर ब्लाक की मांग बहुत है अभी वे पूरी लगन से इस कार्य मे लगी हुई है ताकि मांगों की पूर्ति कर सके। पेवर ब्लाक का उपयोग जिले के ग्राम पंचायतों में ही मुख्य सड़क से स्कूल को जोड़ने, आंगनबाड़ी को जोड़ने, ग्राम पंचायत को जोड़ने तथा अन्य सरकारी भवनों को जोड़ने के लिए इसका उपयोग किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इन महिलाओं को पहले प्रशिक्षण दिया गया है। ये महिलाएं गौठान में पेवर ब्लाक बनाने के अलावा तार फेंसिंग, सीमेंट पोल, गेंदा फूल की खेती एवं सब्जी का भी उत्पादन कर रही है।जिले के अंतर्गत गठित स्वसहायता समूहों की महिलाएं जागरूक होकर विभिन्न रोजगारपरक गतिविधियों में रूचि ले रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के तहत गांवों में निर्मित गौठान रोजगार-हब के रूप में भी तैयार हो रहे हैं। जिले के गौठानों में स्व-सहायता समूहों की महिलाएं कई तरह के स्व-रोजगार कर रही हैं। इससे वे अपने घरों की आर्थिक स्थिति में सुधार तो ला ही रही हैं, गांव की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रही हैं। राज्य शासन पशुपालकों की आय बढ़ाने इस साल हरेली पर्व से गोधन न्याय योजना भी कर दी है। इसके अंतर्गत पशुपालकों से गोबर की खरीदी कर जैविक खाद और अन्य उत्पाद तैयार करने की शुरुआत हो गयी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *