डेयरी व्यवसाय से संवरा योगेश का जीवन
रायपुर, छत्तीसगढ़ सरकार युवाओं को स्व-रोजगार स्थापित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है। ऐसा ही पशुधन विकास विभाग द्वारा डेयरी उद्यमिता विकास योजना संचालित की जा रही है। इस योजना से युवा वर्ग के लोगों को रोजगार का बेहतर अवसर मिल रहा है। इसी कड़ी में जांजगीर जिले के ग्राम सक्ती निवासी स्नातक उत्तीर्ण श्री योगेश देवांगन सफल डेयरी व्यवसायी के रूप में स्थापित हुए है। उन्होंने राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता योजना का लाभ लेकर डेयरी व्यवसाय प्रारंभ कर 30 हजार रूपए प्रतिमाह की आमदनी कमा रहे हैं। इस व्यवसाय से श्री देवांगन की बेरोजगारी दूर हो गई है और उनका जीवन संवर गया है।
सक्ती निवासी श्री देंवागन पढ़े-लिखे बेरोजगार नवयुवक थे। नौकरी नही लग पाने से वे काफी निराश एवं भविष्य के प्रति काफी चिंतित थे। अपनी बेरोजगारी को देखते हुये कुछ निजी व्यवसाय करने की ठानी। उन्होंने डेयरी पालन अपनाने का दृढ निश्चय कर पशुधन विकास विभाग से संपर्क कर राज्य पोषित डेयरी उद्यमिता योजना की जानकारी ली। योजना के तहत डेयरी व्यवसाय के लिए 12 लाख रूपयें की के ऋण के लिए आवेदन विभाग के माध्यम से बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा सक्ती मे जमा किया। पात्रता अनुसार ऋण स्वीकृत किया गया।
श्री देवांगन द्वारा ऋण की राशि से 15 उन्नत नस्ल के दुधारु गाय, मवेशी कोठा का निर्माण, बोर खनन एवं वर्मी टैंक का निर्माण कर डेयरी प्रारंभ किया। वर्तमान मे उनके डेयरी फार्म मे लगभग 140 लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादन हो रहा है। जिसे वह स्थानीय बाजार मे बिक्री कर लगभग 30,000 रूपयें प्रतिमाह आमदनी अर्जित कर रहा है। इनके फार्म से एक परिवार को रोजगार भी मिला है। पशुधन विकास विभाग द्वारा डेयरी फार्म में पशुओं को चिकित्सा सुविधा, कृत्रिम गर्भाधान, टीकाकरण आदि की सेवायें योजना के तहत निःशुल्क उपलव्ध कराया जा रहा है। श्री देवांगन अपने फार्म का विस्तार कर उन्नत नस्ल की 50 गायें रखने की तैयारी कर रहें हैं। इससे उसकी आमदनी में भी वृद्धि होगी।