झारखण्ड : कोल ब्लाक मामले में सरकार पर बरसी अन्नपूर्णा देवी

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झारखण्ड : कोल ब्लाक मामले में सरकार पर बरसी अन्नपूर्णा देवी
File Photo

कोडरमा : झारखंड के कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी रविवार (28 जून, 2020) को प्रदेश की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर बरसीं. उन्होंने कहा कि कोयला खदानों की नीलामी के मुद्दे पर हेमंत सोरेन सरकार लोगों को गुमराह कर रही है. अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि कोल ब्लॉक की नीलामी के केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का राज्य सरकार के बड़े अधिकारियों ने स्वागत किया है. वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इसका विरोध कर रहे हैं.

अन्नपूर्णा ने कहा कि न्यायालय में भी राज्य सरकार ने नीलामी के समय पर प्रश्न खड़े किये हैं. हेमंत का इस मुद्दे पर अलग बयान देकर जनता को दिग्भ्रमित करना घोर आपत्तिजनक है, जिसकी भाजपा निंदा करती है. चाराडीह स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में अन्नपूर्णा ने कॉमर्शियल कोल माइनिंग के निर्णय को राष्ट्रहित और राज्य हित में उठाया गया कदम बताया.

उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा, बल्कि झारखंड राज्य भी तेजी से आत्मनिर्भर और विकसित बनेगा. उन्होंने कहा कि देश के पांच राज्यों की 41 खदानों को निजी क्षेत्र के लिए नीलाम किया जायेगा. यह नीलामी देश में कोयला के आयात को कम करेगा, इससे रोजगार बढ़ेंगे. बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा, विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी.

कोडरमा की सांसद ने कहा कि झारखंड राज्य को नौ खदानों की नीलामी से बड़ा लाभ होगा. राज्य सरकार इस आय का सदुपयोग कर राज्य को तेजी से प्रगति के रास्ते पर ले जाने में कर सकती है. डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड मोदी सरकार की बड़ी देन है. उन्होंने कहा कि भारत एक ओर कोयला भंडार के क्षेत्र में विश्व में चौथा स्थान रखता है, तो दूसरी ओर हमारा देश विश्व का दूसरा कोयला आयातक देश है.

उन्होंने कहा कि देश में कोयले की खपत 958 मिलियन टन है, जिसमें 251 मिलियन टन भारत आयात करता है. इस पर 1.50 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा खर्च होती है. मोदी सरकार उत्पादन बढ़ाकर विदेशी मुद्रा की बचत करते हुए आयात की निर्भरता खत्म करना चाहती है. इससे कोयले की चोरी पर रोक लगेगी. साथ ही नीलामी प्रक्रिया से आने वाला सारा राजस्व सिर्फ और सिर्फ राज्य के हिस्से में आयेगा.

50 हजार लोगों को रोजगार का अवसर
अन्नपूर्णा ने कहा कि हजारीबाग, बोकारो, पलामू, पाकुड़ व दुमका में 1-1, लातेहार में 4 खदानों की नीलामी होगी. इन जिलों के डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड में करोड़ों का राजस्व जमा होगा, जिससे आधारभूत सुविधाओं का तीव्र विकास होगा. रोजगार की दृष्टि से 50 हजार लोगों को अवसर उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि भ्रामक दुष्प्रचार किया जा रहा है कि नीलामी का कोल इंडिया पर बुरा असर होगा.

भाजपा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि कोल इंडिया के पास अपना 463 कोल ब्लॉक है, जिससे वह 100 वर्षों तक थर्मल प्लांट के लिए कोयला की आपूर्ति करने में सक्षम है. नीलामी के बाद उत्पादन बढ़ने से बिजली, स्टील, उर्वरक, एल्यूमिनियम जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि व्यावसायिक खनन का मुख्य उद्देश्य कोल इंडिया के उत्पादन के अतिरिक्त देश में मांग और पूर्ति के अंतर को समाप्त कर खनन क्षेत्र में रोजगार, आधारभूत सुविधाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल सुविधा को बढ़ाते हुए रोजगार के अवसर को बढ़ाना है.
माइका इंडस्ट्री पर इस समय कार्रवाई उचित नहीं

पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा कोडरमा में विभिन्न जगहों पर संचालित माइका, ढिबरा के प्रोसेसिंग यूनिट व गोदाम पर छापामारी की कार्रवाई को उचित नहीं कहा जा सकता. कोरोना व लॉकडाउन की वजह से पूरा देश रोजी-रोजगार के संकट से जूझ रहा है. ढिबरा उद्योग को पुनर्जीवित करने को लेकर सभी को मिल-जुलकर रास्ता निकालने की जरूरत है. इस मामले में उन्होंने उम्मीद जतायी कि मुख्यमंत्री हस्तक्षेप करेंगे. वह खुद इस विषय में सोमवार को जिला प्रशासन से बात करेंगी.

(साभार : प्रभात खबर )

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