जम कर पिलाओ अब दारु नहीं होगा कोई नुक्सान जमीनों को
1 ,दारू से जमीन को कोई नुक्सान भी नहीं :किसान
2,आधा बीघा खेत में 30-40 एमएल शराब काफी
3,खेती में दारू के इस्तेमाल से आई बढ़त
4,दारू के इस्तेमाल फसलों में आई अच्छी ग्रोथ
जोगी एक्सप्रेस
जहा एक ओर भारत के कई राज्य शराब बंदी के लिए आन्दोलन कर रहे वही इस समय पर जयपुर में किसानों ने फसलों की ग्रोथ और पैदावार बढ़ाने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है। किसानों ने खेतों में कीटनाशक की बजाय देसी और अंग्रेजी दारू का छिड़काव कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार जयपुर के शेखावटी के किसान कीटनाशकों के दाम बहुत ज्यादा होने से फसलों को बचाने के लिए दारू का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे फसलों में ग्रोथ भी हो रही है और पैदावार भी बढ़ रही हैं। किसानों का तर्क है कि एक बीघा खेत में आधा दारू काफी है। इन क्षेत्रों में लहलहाती फसलों से उठती दारू की दुर्गंध से महसूस होता है कि फसलें दारू के नशे में झूम रही हैं।
फल और सब्जियों पर तो आमतौर पर देशी दारु का छिड़काव किया जाता रहा है लेकिन अब फसलों पर देशी और अंग्रेजी दारु बहाई जा रही है। कृषि विशेषज्ञ इस तरह के किसी भी साइंटिफिक रिसर्च से इनकार करते हैं लेकिन किसानों का तर्क है कि शराब फसल और सब्जियों के लिए महंगे कीटनाशकों से ज्यादा उपयोगी है।साथ ही इस से जमीन को कोई नुक्सान भी नहीं होता
किसानों का मानना है कि देशी और अंग्रेजी दारु के इस्तेमाल के बाद उनकी पैदावार में इजाफा हुआ है। झुंझुनूं जिले के भड़ौन्दा खुद गांव के किसान प्रदीप झाझड़िया का कहना है कि हम पिछले 3 साल से चने की खेती में कीटनाशक की जगह शराब का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण पैदावार में इजाफा हुआ है।साथ ही चूहे कीडे मकोड़े से भी फसल को कम नुक्सान का अंदेशा है
सीकर जिले के धर्मशाला गांव के किसान श्रवण कुमार के मुताबिक दारू के छिड़काव से तीसरे ही दिन सब्जियों के पौधों से पीलापन दूर होने लगता है उनकी ग्रोथ भी बड़ती है।कीट और अन्य बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। फल बनने से पहले फूल सूखने की समस्या भी समाप्त हो जाती है। नए फूल और फल लगने लगते हैं। साथ ही फसलो मे नई चमक पैदा हो जाती है
आधा बीघा के लिए काफी है 30 से 40 ML :
किसानों का तर्क है कि आधा बीघा खेत में 30-40 एमएल दारू काफी है।अधिकांश किसान 11 लीटर और 16 लीटर की स्प्रे मशीन में 100 एमएल तक देसी और अंग्रेजी दारू मिलाकर छिड़काव करते हैं।कई किसान प्रति बीघा करीब 150-200 एमएल दारू का इस्तेमाल करते हैं। खेती में दारू के इस्तेमाल से शेखावाटी में इन दिनों इसकी खपत काफी बढ़ गई है।