पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि. केंद्र के भाजपा सरकार लोगों की तकलीफों को नजर अंदाज करती है. सत्ता की हेकडी है—- वंदना राजपूत
असंवेदनशील सरकार की तरफ से आम लोगों को एक और झटका
रायपुर 24 जून 2020 कोरोनो संकट के बीच आम आदमी पर महंगाई के मार जारी है पेट्रोल डीजल के 18 वें दिन बढोतरी का सिलसिला जारी है छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत ने कहा कि इतिहास में पहली बार पेट्रोल से महंगा हुआ है डीजल लगातार 18 वें दिनों में डीजल की कीमत लगभग 11रूपये प्रति लीटर की बढोतरी हुई है एवं पेट्रोल मे लगभग 10 रुपये महंगा हुआ है।
वंदना राजपूत ने कहा कि डीजल का उपयोग अधिकतर कृषि कार्य में एवं परिवहन मे होता है डीजल के दामों मे लगातार बेताहाशा वृद्धि होने से किसान भाई एवं बहन चिंतित है।जितना आमदनी नही उससे अधिक खर्च हो जायेगा.पेट्रोल डीजल के दामों मे लगातर वृद्धि हो रही है अौर केन्द्र सरकार सो रही है । मोदी ने डीजल के दामों को बढ़ा कर साबित कर दिया कि उसे किसान एवं आम जनता के हितों की कोई चिंता नही है ।
वंदना राजपूत ने कहा कि साल 2012 में जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे अौर केंद्र में यूपीए की सरकार थी तब मोदी जी ने ट्वीट किया था। “पेट्रोल की कीमतों में बढोत्तरी यूपीए की नाकामी है इससे करोड़ों गुजरातियों पर असर पड़ेगा” मोदी जी अब आपने तो पेट्रोल के साथ – साथ डीजल के दाम तो बढ़ाया ही नही बल्कि इतिहास बना दिया कि पेट्रोल से भी महंगा डीजल हो गया। अब क्या इस महंगाई का गुजराती भाइयों पर असर नहिं पड रहा है । मोदी जी आपने तो इस बढ़ती हुई महंगाई से गरीब मजदूर जनता को गरीबी के अोर धकेल रहे हो।
वंदना राजपूत ने कहा कि स्मृति ईरानी जी पहले तो आप 1 पैसे भी पेट्रोल डीजल महंगा होता था तो आप रास्ते पर आकर ढिढोरा पीटती थी अब क्या हुआ आपके भाजपा शासन मे तो इन लगातार 18 वें दिन मे पेट्रोल मे 10 रुपये एवं डीजल मे 11 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है अब आप नही कहेंगी कि पेट्रोल की कीमतों में बार- बार वृद्धि. भाजपा सरकार लोगों की तकलीफों को नजर अंदाज़ करती है. सत्ता की हेकडी है।
डीजल पेट्रोल की कीमत बढ़ाने का चौतरफा असर होता है इससे ट्रांसपोर्ट की लागत बढ़ जायेगी अौर महंगाई भी बढेगी. तो जनता पर दोहरी मार पड़ेगी. एक तरफ ट्रांसपोर्ट के लिये ज्यादा किराया देना पडेगा अौर महंगे सामान खरीदने पडेगे।
वंदना राजपूत ने कहा कि मोदी सरकार कोरोना महामारी को फैलने से रोकने तथा पेट्रोल डीजल के दाम नियंत्रित करने में असफल साबित हुए है।