परामर्श और क्षमता निर्माण सेवाओं के विस्तार के लिए अपनी शक्तियों का लाभ उठाए एनपीसी : पीयूष गोयल
नई दिल्ली : केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज डीपीआईआईटी के स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (एनपीसी) की एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक ली। वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश और डीपीआईआईटी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित रहे।
श्री गोयल ने स्वीकार किया कि 1958 में स्थापित राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद ऊर्जा, पर्यावरण, व्यावसायिक प्रक्रिया और उत्पादकता सुधार के क्षेत्र में परामर्श एवं क्षमता निर्माण से संबंधित विशेषज्ञ सेवाएं देती रही है। उन्होंने कहा कि इसकी क्षमता का ज्यादा दोहन किया जा सकता है और वह सरकार, सार्वजनिक के साथ ही निजी क्षेत्र में सक्रिय उद्योग, एसएमई तथा अन्य संगठनों के साथ ज्यादा नजदीक से जुड़कर काम कर सकता है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र में लीन मैन्यूफैक्चरिंग (ऐसी व्यवस्था जिसमें ज्यादा उत्पादन और कम बर्बादी होती है) के कार्यान्वयन में एनपीसी के सफल अनुभव को ज्यादा से ज्यादा एमएसएमई को फायदा पहुंचाने के लिए योजनाओं के विस्तार में भुनाने की जरूरत है। इसी प्रकार, नदी और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में प्लास्टिक के कूड़े पर हाल में हुए आकलन अध्ययन का भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के उद्देश्य से दूसरे शहरों तक विस्तार किए जाने की जरूरत है। यह भी फैसला लिया गया कि ज्यादा दक्षता लाने के उद्देश्य से “बॉयलर प्रमाणन के लिए कुशल लोगों को प्रशिक्षण और प्रमाणन” की वर्तमान योजना की समीक्षा किए जाने की जरूरत है। केन्द्रीय मंत्री ने एनपीसी से परामर्श और क्षमता निर्माण सेवाओं का सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों तक विस्तार के माध्यम से 2024 तक अपना राजस्व 300 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का आह्वान किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के कार्यालयों के बीच ज्यादा तालमेल लाने के क्रम में सुझाव दिया गया कि इन सभी कार्यालयों को एक ही शहर में स्थापित किया जाना चाहिए। अपनी इच्छा प्रकट करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि एनपीसी को स्वचालित स्थानांतरण एवं पोस्टिंग प्रणाली के दिल्ली पुलिस मॉडल को रेलवे सहित अन्य सरकारी संगठनों में लागू किया जाना चाहिए। इस मॉडल को एनपीसी के द्वारा ही विकसित किया गया था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एनपीसी, भारतीय रेल को अपनी सेवाएं दे सकता है जो देश में सबसे बड़ा सरकारी नियोक्ता है।