November 23, 2024

कलेक्टर कबरीधाम भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना कवर्धा के प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त, कोरम के अभाव में की गई कार्यवाही

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रायपुर, छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाईटी अधिनियम 1960 की धारा 49(8) के अनुसार भारेमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा का बोर्ड आवश्यक गणपूर्ति (कोरम) के अभाव में कार्य करने से परिविरत हो गया है और बोर्ड की शक्तियां रजिस्ट्रार में निहित हो गई है। पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री हिमशिखर गुप्ता ने इस कारण छत्तीगसढ़ सहकारी सोसाईटी अधिनियम की धारा के तहत रजिस्ट्रार में निहित बोर्ड की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए कलेक्टर कबीरधाम को भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा का प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त कर दिया है। कार्यालय पंजीयक सहकारी संस्थाएं से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। 
         पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि वर्तमान में संस्था के बोर्ड के 10 पद (निर्वाचित संचालक) रिक्त हो गए है तथा 5 संचालक सदस्य ही विद्यमान रह गए है, जिसके कारण संस्था में कोरम का स्पष्ट अभाव हो गया है। छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाईटी नियम 1962 के नियम 43(6) के अनुसार समिति के सम्मिलन के लिए गणपूर्ति उपविधियों में उपबंधित किए गए अनुसार की जाएगी, किन्तु किसी भी दिशा में सदस्यों की कुल संख्या के 50 प्रतिशत से अधिक होगी। 
         जारी आदेश में बताया गया है कि भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा के संचालक सदस्यों का निर्वाचन 24 जून 2017 को संपन्न होकर 30 जून 2017 को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष आदि का निर्वाचन उपरांत संचालक मंडल का गठन किया गया था। संस्था के प्रबंध संचालक द्वारा 29 मई 2020 के पत्र द्वारा प्रतिवेदित किया गया है कि संचालक मंडल में निर्वाचित संचालकों के कुल 15 पदों में से 14 संचालकों का निर्वाचन किया गया था। भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा जिला कबरीधाम के कार्य क्षेत्र में अन्य (लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल) सहकारी शक्कर कारखाना की स्थापना/पंजीयन किए जाने से संस्था के कार्य क्षेत्र में विभाजन के फलस्वरूप पांच संचालक सदस्य 22 दिसंबर 2017 से संस्था के अंशधारी सदस्य नहीं रह गए। संस्था के कार्य क्षेत्र में विभाजन के बाद संयुक्त पंजीयक सहकारी संस्थाएं, दुर्ग संभाग दुर्ग द्वारा भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना कवर्धा के 5 निर्वाचित संचालक सदस्यों को बोर्ड के सदस्य का पद धारण करने हेतु अपात्र हो जाने के कारण पदधारित करने से निर्हरित ठहराते हुए इन सदस्यों के स्थान को रिक्त घोषित किया गया था। इस प्रकार संस्था में मात्र 9 निर्वाचित संचालक सदस्य शेष थे। इन 9 निर्वाचित संचालक सदस्यों में से 4 संचालक सदस्यों (अध्यक्ष श्री भेलीराम चन्द्रवंशी, उपाध्यक्ष श्री गणेश प्रसाद तिवारी, संचालक सदस्य श्री शिवप्रसाद वर्मा एवं श्री साकेत चन्द्रवंशी) को पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1960 की धारा 53 (ख) की उपधारा (2) के उपबंधों के अधीन अपने कर्तव्यों के निर्वहन में घोर उपेक्षा करने तथा संस्था को वित्तीय हानि पहुंचाने का दोषी पाए जाने के फलस्वरूप संस्था के संचालक मंडल के सदस्य पद से हटाते हुए उन्हें 3 वर्ष की कालावधि के लिए सोसाइटी के अधीन पद धारण करने से निर्हरित किया गया है। इस प्रकार संस्था के कार्य संचालन के लिए संचालक मंडल की बैठक हेतु गणपूर्ति का अभाव हो जाने के कारण संचालक मंडल की बैठक संपन्न नहीं हो पाना, प्रबंध संचालक द्वारा प्रतिवेदित किया गया। उनके प्रतिवेदन के आधार पर पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा छत्तीसगढ़ सहकारी सोसाइटी अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। 

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