डॉक्टरों के इस्तीफे सरकार की असफलता का उदहारण है : भाजपा
बार-बार ध्यान खींचे जाने के बावजूद क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली और बदइंतज़ामी बदस्तूर कायम : शिवरतन
टेंट लगाकर तालाब देखने के लिए मुख्यमंत्री के पास समय है, लेकिन प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स देखने का समय नहीं है!
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व विधायक शिवरतन शर्मा ने कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर्स और होम आइसोलेशन में रखे गए एक और व्यक्ति द्वारा की गई आत्महत्या की वारदात को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली की विफलता पर जमकर आक्रोश व्यक्त किया है। श्री शर्मा ने सवाल किया है कि प्रदेश सरकार क्या इन क्वारेंटाइन सेंटर्स और होम आइसोलेशन में रखे गए लोगों की आत्महत्याओं और मौतों का रिकॉर्ड बनाने की सोच रही है? आख़िर प्रदेश सरकार क्यों नहीं इन सेंटर्स की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करके वहाँ क्वारेंटाइन और आइसोलेट कर रखे गए लोगों की मदद कर रही है?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि बुधवार को बस्तर के नरहरपुर ब्लॉक के धनोरा में होम आइसोलेशन में रखे गए एक ग्रामीण द्वारा आत्महत्या कर लेने की वारदात ने प्रदेश सरकार की विश्वसनीयता, कोरोना संक्रमण को लेकर उसकी संजीदगी और कोरोना की रोकथाम की उसकी इच्छाशक्ति पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इसी दिन महाराष्ट्र से आने के बाद कवर्धा जिले के लोहारा ब्लॉक के बांधाटोला क्वारेंटाइन सेंटर में रखे गए लोगों में से एक परिवार के नवजात की मौत हो गई और बिना जाँच किए ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस सेंटर में रह रहे लोगों की अभी तक जाँच भी नहीं हो पाई है। इधर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही के टीकरकला सेंटर में भोपाल से लौटे एक व्यक्ति की डेढ़ साल की मासूम बेटी की मौत हो जाने की ख़बर है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेशभर के विभिन्न क्वारेंटाइन सेंटर्स में अब तक लगभग एक दर्ज़न लोगों की मौत और ख़ुदक़ुशी के मामले सामने आने के बाद भी प्रदेश सरकार न तो यथार्थ देख रही है और न ही प्रदेशवासियों की गुहार सुन रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व विधायक श्री शर्मा ने कहा कि बार-बार ध्यान खींचे जाने के बावजूद प्रदेश सरकार की उदासीनता के कारण क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली और बदइंतज़ामी बदस्तूर कायम है। प्रदेश सरकार जिला पंचायतों को पत्र जारी कर ज़रूरी इंतज़ाम करने के निर्देश देती है लेकिन उन निर्देशों पर ज़मीनी स्तर पर अमल को लेकर प्रदेश सरकार की उदासीनता ने हालात को बेहद नाज़ुक मोड़ पर पहुँचा दिया है और अब इन सेंटर्स में लगातार मौतों का सिलसिला चल पड़ा है। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार को भाजपा ने चुनौती दी थी कि एक सर्वदलीय समिति बनाकर वह प्रदेश के किन्हीं भी 10 सेंटर्स में चलकर निरीक्षण कर ले तो उसे ज़मीनी सच का पता चल जाएगा लेकिन प्रदेश सरकार ने इस पर चुप्पी साध ली। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ प्रदेश कोरोना संक्रमण के विस्फोटक फैलाव की चपेट में आ गया है और प्रदेश सरकार अपने सत्तावादी अहंकार से भरीं सियासी नौटंकियों और झूठे श्रेय की ललक से उबरने को तैयार ही नहीं दिख रही है।उन्होंने कहा कि मेकाहारा के जूनियर डॉक्टरों ने वेतन व पी पी ई किट न मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया जो छत्तीसगढ़ के लिये कोरोना महामारी के समय शुभ संकेत नही है और ये इस्तीफे सरकार की असफलता का उदहारण है ।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कटाक्ष कर कहा कि टेंट लगाकर तालाब देखने के लिए मुख्यमंत्री के पास समय है, लेकिन प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स देखने का उनके पास समय नहीं है! जो प्रदेश सरकार राजधानी के उस एम्स में आज तक नहीं गई जहाँ प्रदेशभर के कोरोना संक्रमितों का सफल इलाज हो रहा है, उस सरकार से संवेदना जैसी भावनाओं की उम्मीद रखना बेमानी है। श्री शर्मा ने सवाल किया कि आख़िर प्रदेश सरकार की इन क्वारेंटाइन सेंटर्स तक पहुँच क्यों नहीं है और कितनी मौतों के बाद प्रदेश सरकार इन सेंटर्स की बदहाली और बदइंतज़ामी को दूर करने की बात सोचेगी?