गोठान में लगाई सब्जी-भाजी लॉकडाउन में बना जीने का सहारा
अकलतरी गोठान में महिला स्व सहायता समूह ने उगाया दो क्विंटल प्याज
परिवार के लिए विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों का उत्पादन
रायपुर, 27 अप्रैल, 2020/ कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरी गांव के गोठान में लगाई गई सब्जी-भाजी की खेती महिला स्व-सहायता समूह के लिए जीने का सहारा बन गई। तीन समूह की महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों के साथ ही गांव के अन्य लोगों के लिए भी गोठान में लगाई गई सब्जी-भाजी कोविड-19 वायरस के मुश्किल वक्त में उनके खाने के काम आ रही है। इससे एक ओर जहां गांव के ही ग्रामीणों को सब्जी-भाजी मिल रही है, दूसरी ओर महिला समूह को इससे कुछ आमदनी भी हो रही है। इससे उनकेे परिवार का अच्छे से गुजर-बसर हो रहा है।
राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी के तहत जनपद पंचायत अकलतरा के ग्राम पंचायत अकलतरी में तीन समूहों ने अपनी मेहनत से दिसम्बर 2019 से सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया। गोठान में जय मां शारदा समूह, जय मां रंजीता महिला स्व-सहायता समूह और पुसई स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गोठान से निकले गोबर खाद का उपयोग कर आसपास की जमीन को समतल और उपजाऊ बनाया। उनके द्वारा गोठान में बनाई गई जैविक खाद को जमीन में डालकर उपजाऊ बनाने का काम किया गया। समूह ने जमीन पर करेला, टमाटर, बैगन, भिंडी, लोकी, पालक, धनिया, मैथी, लाल भाजी, मूली, बर्रे भाजी, प्याज आदि लगाई। दिसम्बर से गोठान में सब्जी लगाने का काम शुरू किया, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया। तीन-चार माह में भी गोठान में सब्जी-भाजी भरपूर होने लगी, सभी समूह की महिलाओं की मेहनत रंग लाने लगी, और उनके चेहरे बाड़ी को देखकर खिल उठे। उनके द्वारा उगाई गई सब्जी-भाजी को आज गांव के अधिकांश लोग खरीदकर ले जा रहे हैं। आज लॉकडाउन में उन्हें गांव में ही सब्जी-भाजी आसानी से मिल रही है, जिसका उपयोग उनका परिवार एवं गांव के लोग कर रहे हैं।
लॉकडाउन में भी मिली सब्जी-भाजी
जय मां शारदा समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान गोठान में समूह की महिलाओं ने काम किया। इस दौरान जो भी सब्जी-भाजी निकलती थी, उसका उपयोग समूह की महिलाओं ने अपने परिवार के लिए साथ ही ग्रामीणों द्वारा उनसे खरीदकर ले जाते रहे हैं। गोठान में बनाई बाड़ी के कुछ हिस्से में प्याज भी लगाई थी। हाल ही में समूह की महिलाओं ने 2 क्विंटल प्याज निकाली। इस प्याज को समूह की महिलाओं ने गांव के कुछ ग्रामीणों को बेचकर आमदनी अर्जित की। कुछ प्याज परिवार के लिए रख लिया। अब उन्हें बाजार से प्याज नहीं खरीदना पड़ेगा। इसके अलावा टमाटर, भिंडी, लौकी को बेचकर जो आमदनी हुई। जय मां रंजीता महिला स्व-सहायता समूह की सचिव संतोषी और पुसई स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुसईबाई बताती है कि लॉकडाउन के दौरान बाहर से सामान लाना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में जो बाड़ी में सब्जी लगाई वह आज इस मुश्किल घड़ी में परिवार के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।