November 23, 2024

कोरोना से है बचना तो धूम्रपान से दूर रहो

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हाथ और होठों के संपर्क से संक्रमण फैलने का खतरा

  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी करता है कमजोर
  2. धूम्रपान का सीधा असर श्‍वसन प्रणाली व फेफड़ों पर

रायपुर, कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए बचना है तो धूम्रपान से तौबा करने में ही भलाई है । बीड़ी-सिगरेट संक्रमित हो सकते हैं और उँगलियों व होंठों के संपर्क में आकर वह आसानी से संक्रमण फैला सकते हैं । हालाँकि सरकार ने सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगा रखी है, फिर भी लोग चोरी-चुपके इसका इस्तेमाल कर अपनी जान को जोखिम में डालने से बाज नहीं आ रहे हैं । इन उत्पादों का सेवन कर इधर-उधर थूकने से भी संक्रमण का खतरा था, इसलिए सरकार ने खुले में थूकने पर भी रोक लगा रखी है, इसका उल्लंघन करने पर दण्ड का प्रावधान भी किया गया है।

होम क्‍वारेंटाइन कोरोना सर्विलेंस टीम के प्रभारी सदस्य व उपसंचालक स्‍वास्‍थ्‍य विभाग डॉ. अखिलेश त्रिपाठी का कहना है धूम्रपान से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिसके चलते कोरोना जैसे वायरस सबसे पहले ऐसे लोगों को ही अपनी चपेट में लेते हैं। इसके अलावा बीमारी की चपेट में आने पर ऐसे लोगों के इलाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों को कोरोना का खतरा कई गुना अधिक रहता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी बाकायदा दिशा-निर्देश जारी कर धूम्रपान से कोरोना की जद में आने के खतरे के बारे में सचेत कर चुका है।

नेशनल टोबैको कण्ट्रोल प्रोग्राम (एनटीसीपी)के नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया बीड़ी-सिगरेट ही नहीं बल्कि अन्य तम्बाकू उत्पादों के साथ ही हुक्का, सिगार, ई-सिगरेट भी कोरोना वायरस के संक्रमण को फैला सकते हैं, इसलिए अपने साथ ही अपनों की सुरक्षा के लिए इनसे छुटकारा पाने में ही भलाई है । कोरोना का वायरस छींकने, खांसने और थूकने से निकलने वाली बूंदों के जरिये एक दूसरे को संक्रमित करता है । लोगों को छूने से परहेज यानी सोशल डिसटेंसिंग के पालन करने के दौरान पान व पान मसाला खाकर थूकने से वायरस बाहर आने से संक्रमण का खतरा समुदाय को हो सकता है।

डॉ जैन ने बताया, गुटखा पान मसाला के बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के बाद लगातार विभाग इसके बिक्री की शिकायत मिलने पर कार्रवाई भी कर रहा है। प्रतिबंध के बावजूद लोग 4 से 5 गुना महंगे दाम पर गुटका पान मसाला खरीद कर सेवन कर अपने परिवार व समाज को खतरे में डाल रहे हैं। महामारी एक्‍ट-1897 के तहत सर्वाजनिक रुप से कहीं भी इसके सेवन व उल्‍लंघन करते पाए जाने पर धारा-188 के तहत जुर्माना व दंड का प्रावधान हैं। लोगों की जागरुकता ही कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए कारगर साबित हो सकता है। कांकेर कलेक्‍टर ने आगामी 3 मई तक लॉकडाडन के पालन करते हुए संपूर्ण जिले में गुटखा, तंबाकू एवं गुड़ाकू के क्रय-विक्रय को तत्‍काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया है। वहीं रायपुर कलेक्‍टर डॉ.एस भारतीय दासन ने सडक पर थूकने वालों क खिलाफ केस दर्ज करने का फैसला लिया है।

इसीलिए प्रदेश में खुले में थूकने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में शामिल कर दिया गया है । इसके अलावा धूम्रपान से श्वसन प्रणाली, सांस की नली और फेफड़ों को भारी नुकसान पहुँचता है। धूम्रपान व प्रभाव हमारे शरीर के गले के लंग्‍स और फेफड़े को प्रभावित करता है। ये हमारे शरीर के रोगप्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। यही कारण है कि फेफड़ों की कोशिकाएं कमजोर होने से संक्रमण से लड़ने की क्षमता अपने आप कम हो जाती है । वर्तमान में कोविद -19 का वायरस गले के लंग्‍स को प्रभावित कर गले में खराब पैदा करता है। वहीं आगे वायरस श्‍वसन नली को संक्रमित कर सांस लेने में परेशानी खड़ा करता है।

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