लाॅकडाउन में फॅसे हुए जिले के निवासियों की मूलभूत आवष्यकताओं की पूर्ति का रखा जा रहा ख्याल
कलेक्टर ने स्वैच्छिक शिक्षकों और अधिकारियों को बैठक लेकर निरंतर संपर्क में रहने दिया निर्देष
सूरजपुर :कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने आज डिप्टी कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी श्री षिव कुमार बनर्जी की उपस्थिति में कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम हेतु अन्य राज्यों एवं जिलों में कार्य कर रहे सूरजपुर जिले के लोगों की सतत् माॅनिटरिंग करने वाले षिक्षकों की बैठक कर आवष्यकदिषा-निर्देष दिये।
कलेक्टर ने षिक्षकों से यह जानकारी ली कि हमारे राज्य से बाहर फंसे लोगों को किसी भी तरह की समस्या तो नही हो रहा है, उनको सहायता मिला की नहीं सभी प्रकार के समस्याओं के संबंध में जानकारी लेते हुए उनसे तत्काल संपर्क कर समस्या आने की स्थिति में उनकी मूलभूत आवष्यकताओं जैसे- उनके ठहरने, खाने-पीने, पैसों, स्वास्थ्य आदि की समस्या न हो संपर्क कर आवष्यक सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देष दिये।
कलेक्टर ने विकासखण्डवार बनाये गये षिक्षकों की टीम से चर्चा की तथा जिले के अंदर निवासरत उनके परिवारों को भी किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सहायता करने के निर्देष दिये और सभी लोगों से संपर्क बनाये रखने की बात कही। उन्होंने जिले के निवासी जो बाहर फंसे हुए हैं उनसे कहा है कि जिला प्रषासन उनकी हर संभव मदद करेगा तथा मूलभुत समस्त जरूरतों को पूरा किया जायेगा, सभी जहां भी हंै उसी जगह पर सुरक्षित रहे लाॅकडाउन की स्थिति में वहीं रहें और शासन के जारी निर्देर्षो का पालन करें।
सभी जिलों से बाहर के राज्यों व स्थानीय जिलों में अलग-अलग कार्यो में मजदूरी कर अपना व परिवार का भरण पोषण करने वाले चाहे वह मजदूर हो या अन्य कार्यो को करनें वाला श्रमिक हो, उनका व उनके परिवारों का संपूर्ण ध्यान रखने के लिए जारी निर्देश का परिपालन में सूरजपुर जिलें के कलेक्टर दीपक सोनी ने चिन्हित कर इसी मंशा को साकार करने में नियमित रूप से जिला प्रशासन की टीम के साथ जुटे हुए हैं। इसके लिए कलेक्टर श्री सोनी ने लाकडाउन लागू होने के चंद दिनों के अंदर ही जिलें के सभी ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में आजीविका वर्धन के लिए बाहर गए लोगों को चिन्हित कर उनकी संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए नोडल अधिकारी के साथ दो सदस्यों के रूप में डीएमसी शशिकांत सिंह व डीईओ विनोद राय की टीम बनाकर कार्यो पर संवेदनशीलता के साथ करनें के निर्देश दिए और कहा कि बाहर फंसे लोगों का एक बडे़ भाई की भांति सहयोग करना है जिससे उन्हें सुरक्षित महसूस हों। इनके साथ करीब बीस स्वैच्छिक शिक्षकों को सहयोग के लिए कार्य सौंपा गया है।