राज्य शासन के निर्देश: 40 दिनों के मध्यान्ह भोजन की सूखी सामग्री का वितरण कलेक्टर स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए करेंगे
रायपुर: राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी निर्देशों को अधिक्रमित करते हुए यह निर्देश जारी किए हैं कि 40 दिनों के मध्यान्ह भोजन की सूखी सामग्री के वितरण की व्यवस्था सभी कलेक्टर स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए करेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि लॉकडाउन तथा सोशल डिस्टेंसिंग के सभी नियमों का पूर्णतः पालन हो तथा सभी विद्यार्थियों के पालकों को 40 दिनों के मध्यान्ह भोजन की सूखी सामग्री भी मिल जाए।
पूर्व में मध्यान्ह भोजन की सूखी सामग्री का वितरण स्कूलों से ही करने के निर्देश जारी किए गए थे। मंगलवार 31 मार्च को जारी निर्देशों में कहा गया था कि मध्यान्ह भोजन की सूखी सामग्री का वितरण घर पहुंचाकर किया जाए। इन निर्देशों का उद्देश्य लॉकडाउन की अवधि में सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतः पालन कराना है।
अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग परिस्थितियां हो सकती है। जिनके कारण वितरण की व्यवस्था का निर्धारण स्थानीय रूप से किए जाने की आवश्यकता है।
उल्लेखनीय है कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के उद्देश्य से राज्य शासन ने सभी स्कूल लॉक-डाउन की स्थिति में 14 अप्रैल 2020 तक बंद कर दिए हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर अवकाश अवधि में स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिए जाने का निर्णय लिया गया है। यह मध्यान्ह भोजन मार्च एवं अप्रैल 2020 के लिए 40 दिन का सूखा दाल और चावल बच्चों के पालकों को स्कूल से प्रदाय किया जाना है। प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 4 किलोग्राम चावल और 800 ग्राम दाल तथा उच्चतर माध्यमिक शाला के प्रत्येक बच्चे को 6 किलोग्राम चावल और 1200 ग्राम दाल प्रदाय किया जाएगा।