सुपोषण अभियान में नियमित पोषण आहार के साथ ही बच्चों की सेहत, स्वच्छता और जागरूकता पर जोर
महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य, खाद्य तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के बेहतर समन्वय से अभियान को मिलेगी गति
रायपुर. छत्तीसगढ़ को कुपोषण मुक्त करने मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, खाद्य तथा स्वास्थ्य विभाग के बेहतर समन्वय से सघन और व्यापक रूप दिया जाएगा। अभियान की गति तेज करने और पोषण आहार तथा बच्चों व गर्भवती महिलाओं की सेहत पर निगरानी की व्यवस्था को मजबूत करने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी तथा स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने आज यहां नवीन विश्राम भवन में सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी अभियान है। इसमें बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नियमित पोषण आहार उपलब्ध कराने और उनकी सेहत की लगातार निगरानी के साथ ही उन्हें स्वच्छता और पोषण के प्रति जागरूक करना जरूरी है। महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने कहा कि सुपोषण के लिए गरम भोजन बहुत महत्वपूर्ण है। अभियान के तहत बच्चों का अनुश्रवण कार्ड बनाकर उनके स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाएगी। उन्हें कुपोषण से उबारने घर पर सुबह और आंगनबाड़ी से लौटने के बाद दिए जा रहे भोजन पर भी नजर रखने की जरूरत है। उन्होंने जिले में प्रचलित खान-पान की आदतों के अनुसार पोषण आहार का मेनु तैयार करने कहा।
स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बैठक में कहा कि वजन त्यौहार और टीकाकरण के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य व पोषण की स्थिति पर नजर रखी जाएगी। गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रखकर सुपोषित किया जाएगा। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से कहा कि सुपोषण अभियान के लिए चावल एवं अन्य खाद्य सामग्री की आपूर्ति नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा की जाएगी। महिला एवं बाल विकास अधिकारी निगम के गोदाम या दुकान से इसे ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि महिला स्वसहायता समूहों द्वारा ‘रेडी-टू-ईट’ बनाने के लिए भी आबंटन नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जारी किया जाएगा। डॉ. सिंह ने कहा कि सुपोषण अभियान में विभिन्न विभागों के समन्वय, जरूरी इंतजाम और मॉनिटरिंग में जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री टी.सी. महावर, पंचायत विभाग के संचालक श्री एस. प्रकाश और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन संचालक श्री अभिजीत सिंह भी मौजूद थे।