November 23, 2024

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

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मोदी सरकार गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने में नाकाम, देश 70 साल पीछे की स्थिति में

मोदी के मंत्री निकले है देश की जनता को गुमराह करने, फर्जी आंकड़े जुमलेबाजी से नहीं उठेगी गिरती अर्थव्यवस्था

मोदी सरकार का जीएसटी क्रांतिकारी नही गब्बर सिंह टैक्स है, व्यापार व्यवसाय खत्म होने के कगार पर

रायपुर/09 मार्च 2020। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के बयान पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री देशभर में घूम-घूम कर फर्जी आंकड़ों और जुमलेबाजी के सहारे देश के गिरती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी, बदहाल किसान चौपट होते व्यापार-व्यवसाय डूबते बैंक एवं बिकते सरकारी उपक्रमों से जनता का ध्यान हटाने की मुहिम चला रहे हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बिना सोचे समझे लागू की गई नोटबंदी एवं आधी अधूरी तैयारी से वन नेशन वन टैक्स का नारा लगाकर लागू की गई जीएसटी का कुप्रभाव खत्म होने के बजाय दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मोदी सरकार के द्वारा लगाई गई जीएसटी क्रांतिकारी नहीं बल्कि गब्बर सिंह टैक्स है, व्यापार-व्यवसाय उद्योगों पर कहर बनकर टूटा है। वर्तमान में मोदी सरकार के पास कोई ऐसा रोड मैप नही है जिस पर जनता भरोसा करे कि आने वाले दिनों में इससे अर्थव्यवस्था को संभालने, रोजगार उत्पन्न करने, महंगाई कम करने, व्यापार-व्यवसाय को मजबूत होने में मदद मिलेगा।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सीख लेकर केंद्र की मोदी सरकार काम करें। आम जनता की क्रय शक्ति को बढ़ाने योजना बनाएं। चंद भाजपा समर्थित उद्योगपतियों को पोषित करने देश भर की जनता पर अत्याचार ना करे। देश के आर्थिक हालात को सुधारने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर सुधार प्रक्रिया शुरू करें। तभी देश के आर्थिक हालात सुधरे। किसान सम्मान निधि के नाम से किसानों का अपमान केंद्र की मोदी सरकार कर रही है, किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि की राशि नहीं आई है। किसानों को स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार लागत मूल्य का डेढ़ गुना समर्थन में देने का वादा कर मोदी सरकार किसानों के साथ छल धोखा फरेब कर रही हैं। भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तो जीएसटी को 21वीं सदी का सबसे बड़ा पागलपन करार दिया और मोदी सरकार के द्वारा जारी किए गये आर्थिक सर्वेक्षण के आंकड़े को 4.5 प्रतिशत ग्रोथ रेट को फर्जी बनावटी घोषित कर वास्तविक में 1.5 प्रतिशत से भी कम आंका है। मोदी सरकार केन्द्रीय एजेंसियों को अपने सहयोगी घटक दल की तरह उपयोग कर रही है। सरकार के जन विरोधी नीतियों मनमानी के खिलाफ खड़े होने वालो को डटने धमकाने सीबीआई, ईडी, आई सहित तमाम केन्द्रीय एजेंसी को भेजा रहा है। केन्द्रीय एजेंसी निष्पक्ष एवं स्वतंत्र काम नहीं कर पा रही।

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