साम्प्रदायिकता का जहर छत्तीसगढ़ की तासीर में नहीं है : कांग्रेस
पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आरएसएस विचारधारा के कुलपति की छात्रों द्वारा नियुक्ति के विरोध का कांग्रेस ने किया पुरजोर समर्थन
पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने खुद अपने ऊपर लगे आरोपों की पुष्टि कर दी
रायपुर साम्प्रदायिकता का जहर छत्तीसगढ़ की तासीर में नहीं है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आरएसएस विचारधारा के कुलपति की नियुक्ति का विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा विरोध का पुरजोर समर्थन करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि राजभवन द्वारा की गयी राज्य सरकार की अनुशंसाओं की अवहेलना उचित नहीं है। स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ की तीन चौथाई बहुमत से निर्वाचित सरकार के कामों में किस तरह से अडंगेबाजी की जा रही है। यह सीधे-सीधे आरएसएस द्वारा केन्द्र राज्य संबंधों में हस्तक्षेप का मामला है। छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता विश्वविद्यालय का कुलपति कोई जाना माना पत्रकार नियुक्त होता तो छत्तीसगढ़ के लोगों का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता। पत्रकारिता विश्वविद्यालय को संघ की विचारधारा के प्रचार-प्रसार का केन्द्र बनाने की कोशिशों का कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।
कुलपति नियुक्ति के मामले में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नियुक्ति के दिन ही विरोध की वजह को स्वयं कुलपति ने जायज साबित कर दिया है। जिन कारणों से विरोध हो रहा है, वह पूरी तरह से सही और प्रासंगिक है। विश्वविद्यालय के छात्रों की चिंता कितनी सही है, यह स्पष्ट हो गया है। एबीवीपी कार्यकर्ताओं और संघ स्वयं सेवको के साथ कार्यभार ग्रहण के लिये जाकर पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने ऊपर लगे आरोपों की पुष्टि कर दी है। संघ के स्वयं सेवकों के साथ कार्यभार ग्रहण के लिये जाने से कुलपति पद की गरिमा तार-तार हो गयी है। इस का राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिये। छत्तीसगढ़ शांति प्रिय और भाईचारे में विश्वास करने वालों का प्रदेश है। ऐसी विभाजनकारी मानसिकता को छत्तीसगढ़ के लोग स्वीकार ही नहीं करेगें। अधिनायकवादी और फासीवादी विचारधारा को छत्तीसगढ़ के छात्रों पर थोपने की कांग्रेस कड़ी निंदा करती है।