November 23, 2024

दो विभागों के झगड़े में सरस्वती साइकिल योजना ने तोड़ दिया दम-बृजमोहन

0

ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से वरिष्ठ विधायक बृजमोहन ने उठाया साइकिल वितरित नहीं होने का मुद्दा।

सीएसआईडीसी और शिक्षा विभाग के झगड़े में नहीं बट पाई छात्राओं को साइकिलें

रायपुर,विधानसभा में विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरस्वती साइकिल योजना के अंतर्गत साइकिल का वितरण नहीं किए जाने को लेकर सरकार को घेरा। बृजमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले बजट सत्र में घोषणा करते हुए कहा था कि अब छात्राओं के साथ-साथ छात्रों को भी साइकिल मिलेगी। परंतु उनकी यह घोषणा कोरी साबित हो गई। छात्रों की बात तो दूर छात्राओं को भी साइकिल नहीं मिली है।ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सिर्फ टेंडर टेंडर के खेल में, दो विभागों के झगड़े में साइकिल बंटने का काम रुका हुआ है। जबकि शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम का सीधा जवाब है की प्रक्रिया में विलंब हुआ है इसका कोई दोषी नहीं। सवाल यह भी उठता है कि प्रक्रिया में 10 माह कैसे हो सकता है।
ध्यानाकर्षण सूचना में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरस्वती साइकिल योजना का मकसद रहा है कि अधिकाधिक संख्या में छात्राएं स्कूल जाए उनकी दर्ज संख्या बढ़े व उच्च शिक्षा प्राप्त कर तरक्की की राह पर चले। परंतु इस योजना ने प्रदेश में दम तोड़ दिया है। सरकारी उदासीनता और टेंडर प्रक्रिया में लेटलतीफी के कारण छात्राओं को समय पर साइकिल वितरित नहीं हो पा रही। स्कूली छात्राओं को गुणवत्ता पूर्ण साइकिल देने की बात करने वाली इस सरकार ने 2019-20 में शिक्षण सत्र के अंतिम दौर में पहुंच जाने के बाद भी सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल का वितरण नहीं कर पायी है।
प्रदेशभर की छात्राएं दूर-दूर से पैदल स्कूल जाकर अध्ययन करने मजबूर है। 174236 छात्राओं को साइकिल वितरित होना है और अभी तक सिर्फ 8499 छात्राओं को वितरण किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
बृजमोहन ने कहा यह मामला बेहद गंभीर है शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम स्वयं से स्वीकार किया कि आठवें महीने में सीएसआईडीसी को पत्र लिखा गया की साइकिल के टेंडर का क्या हुआ। सीएसआईडीसी 11 महीने में बताता है कि हमने निरस्त कर दिया है। 5 महीने तक सीएसआईडीसी क्या कर रहा था जबकि टेंडर की अंतिम तिथि 2 अगस्त थी। बृजमोहन ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग चाहता था कि हम जिन फर्मों को चाहते हैं उन्हीं को टेंडर दें और सीएसआईडी चाहता था कि हम टेंडर करें। अगस्त के बाद सितंबर,अक्टूबर-नवंबर,दिसंबर 4 महीने तक शिक्षा विभाग सीएसआईडीसी से एनओसी मांगता रहा लेकिन शिक्षा विभाग को एनओसी नहीं मिली क्या कारण है? यह सरकार का आपसी मामला है पर बेहद गंभीर है। छात्रहित को दरकिनार कर यह सरकार काम पर रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *