एक तरफ सरकार तथाकथित सीडी को फर्जी करार देती है, वही दूसरी ओर सीबीआई जांच करवाने का निर्णय लेती है:भूपेश बघेल
एक तरफ सरकार तथाकथित सीडी को फर्जी करार देती है, वही दूसरी ओर सीबीआई जांच करवाने का निर्णय लेती है। सरकार का यह दोहरा मापदंड कई संदेहो को जन्म देता है।भूपेश बघेल
जोगी एक्सप्रेस
रायपुर/ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथी एवं देश के प्रथम गृहमंत्री लौहपुरूष स्व.सरदार वल्लभ भाई पटेल की जंयती के अवसर पर कांग्रेस भवन रायपुर में श्रद्धांजलि देने आये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने उपस्थिति पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि पत्रकार विनोद वर्मा की गिरफ्तारी पूरी तरह एक षड़यंत्र के तहत हुई है और इस पूरे प्रकरण में पुलिस की कार्यवाही संदेह की घेरे में है। जिस ढंग से प्रकाश बजाज के द्वारा लिखवाई गयी रिपोर्ट से लेकर आनन-फानन में प्लेन में दिल्ली पहुंचना और सामग्री जप्त करना से लेकर सड़क मार्ग से पत्रकार को रायपुर लाते समय दिये गये प्रताड़ना की कोशिश के बावजूद पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग पाया। यही कारण है कि गाजियाबाद से लेकर रायपुर न्यायालय में पुलिस को फटकार खानी पड़ी। पुलिस की समूची संदिग्ध कार्यप्रणाली से पत्रकार विनोद वर्मा की जान की सुरक्षा को जेल में भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इस षड़यंत्रकारी सरकार के द्वारा कुछ भी किया जाना संभव है। ऐसे में हमारी मांग है कि पत्रकार विनोद वर्मा की जान की समूची सुरक्षा व्यवस्था की जाये। निश्चित रूप से पुलिसिया कार्यवाही एक बड़े षड़यंत्र का हिस्सा है। समय आने पर मीडिया के माध्यम से सभी तथ्यों का खुलासा किया जायेगा। रही सवाल तथाकथित वीडियो क्लीप की पूरे एक माह से वायरल है। सुनने में आ रहा है कि यह एक साल से बनकर बाजार में उपलब्ध है। इस घटना के षड़यंत्र में रमन सरकार और भाजपा पूरी तरह संलिप्त है और सब कुछ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इशारे में हो रहा है।
कांग्रेस पार्टी पूरी तरह पत्रकार विनोद वर्मा के साथ खड़ी है। एक तरफ सरकार तथाकथित सीडी को फर्जी करार देती है, वही दूसरी ओर सीबीआई जांच करवाने का निर्णय लेती है। सरकार का यह दोहरा मापदंड कई संदेहो को जन्म देता है। यही कारण है कि इस पूरे षड़यंत्र में मुख्यमंत्री और भाजपा का पूरी तरह शामिल होने की पुष्टि मिलती है। झीरम घाटी में जिस ढंग से जिस योजनाबद्ध तरीके से दिनेश पटेल की हत्या की गयी ठीक उसी तरह पत्रकार विनोद वर्मा को भी षड़यंत्र का शिकार बनाने में यह सरकार लगी हुई है, क्योंकि दोनों कांग्रेस को समर्थन दे रहे थे। अंतागढ़ टेपकांड का बदला लेने के उद्देश्य ही पत्रकार विनोद वर्मा को फंसाया जा रहा है। सरकार को डर है कि अंतागढ़ टेपकांड एवं झीरम कांड से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज विनोद वर्मा जी के पास है इसी आशंका के चलते आनन-फानन में यह सरकार एवं भाजपा कुछ तथाकथित लोगों के द्वारा यह कुट रचना रची गयी। जिसका दुष्परिणाम विनोद वर्मा की गिरफ्तारी है।
पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर मंे भूपेश बघेल ने कहा कि निश्चित रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की अंतागढ़ टेपकांड की सीबीआई से जांच की मांग को तत्काल स्वीकार कर लेना चाहिये, क्योंकि हमने स्वयं सीबीआई जांच की मांग के लिये सुप्रीम कोर्ट में लगायी है। इस तत्परता से रमन सरकार ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग स्वीकार की है वैसे ही तत्काल निर्णय झीरम सहित अन्य मामलों में भी सीबीआई से जांच की हमारी मांग को तत्काल स्वीकारें। और इस प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के न्यायधीश के देख-रेख में सीबीआई हो या एसआईटी हो या अन्य किसी भी एजेंसी से जांच कराये। कांग्रेस जांच में पूरी तरह सहयोग करेगी।
जिस ढंग से भाजपा की बैठक में दो मंत्री एक-दूसरे पर इस प्रकरण को लेकर इशारे-इशारों में आरोप-प्रत्यारोप कर रहे है इससे भारतीय जनता पार्टी की प्रचारित तथाकथित एकता तार-तार होते दिखाई पड़ रहा है।