सेहत पर बुरा असर पड़ता है एक के ऊपर एक पैर करके बैठना
बात जब बॉडी लैंग्वेज और स्टाइलिंग की आती है तो एक के ऊपर एक पैर करके बैठना कॉन्फिडेंट होने का सिंबल माना जाता है। बैठने के इस तरीके में हम सभी बहुत सहज महसूस करते हैं। लेकिन यह सहजता हमारे शरीर को बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकती है। क्योंकि हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय तक एक के ऊपर एक पैर रखकर बैठने से ब्लड प्रेशर और वेरिकॉज वेन्स जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
क्रॉस लेग पॉजिशन का बीपी पर असर
कई हेल्थ स्टडीज में यह बात सामने आ चुकी है के एक के ऊपर एक पैर रखकर बैठने से हमारी नर्व्स पर दबाव पड़ता है, इस कारण हमारा ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। इसलिए बीपी के मरीजों को इस पॉजिशन में बैठने से बचना चाहिए। साथ ही जिन लोगों को बीपी की दिक्कत नहीं है, उन्हें भी लंबे समय तक इस पॉजिशन में नहीं बैठना चाहिए।
ब्लड सर्कुलेशन पर असर
क्रॉस लेग करके बैठने से केवल ब्लड प्रेशर पर असर नहीं पड़ता बल्कि ब्लड सर्कुलेशन भी डिस्टर्ब होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप जब एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखकर बैठते हैं तो दोनों पैरों में बल्ड सर्कुलेशन एक समान नहीं हो पाता है। इस कारण पैरों में सुन्नता या झंझनाहट की समस्या होने लगती है।
पेल्विक इंबैलंस
क्रॉस लेग पॉजिशन में हमारी पेल्विक मसल्स इंबैलंस हो सकती हैं। क्योंक हर दिन कई-कई घंटे इस स्थिति में बैठने पर हमारी थाइज में खिंचाव, सूजन, सुन्नता या दुखन की समस्या हो सकती है।
जॉइंट्स में दिक्कत
एक ही जगह पर और खासतौर पर ऑफिस में कुर्सी पर 8 से 9 घंटे रोज क्रॉस लेग करके बैठने से पैरों के जॉइंट पेन की समस्या हो सकती है। कई बार हम समझ नहीं पाते हैं कि वॉक, एक्सर्साइज और यग करने के बाद भी हमारे जॉइंट्स में दर्द क्यों हो रहा है। तो इस दर्द की वजह कुछ और नहीं बल्कि हमारा क्रॉस लेग पॉश्चर होता है।
लोअर बैक में दर्द
क्या आपको भी उठते-बैठते वक्त कमर के निचले हिस्से में दर्द होता है? या जकड़न का अहसास होता है? अगर इस सवाल के जवाब आप हां में दे रहे हैं तो आपको अपने बैठने के तरीके में सुधार करने की जरूरत है। आज से ही क्रॉस लेग पॉजिशन में बैठना बंद कर दें।
लकवा से बचने के लिए
क्रॉस लेग करके ना बैठने की एक दूसरी वजह यह भी बताई जाता है कि इस मुद्रा में लंबे समय तक बैठने पर पॉल्सी या पेरोनियल नर्व पैरालिसिस की समस्या हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति हर रोज कई घंटे इस स्थिति में बैठता है तो उसकी नर्व्स डैमेज हो सकती हैं।
बैठते वक्त रखें इन बातों का ध्यान
ऑफिस में सिटिंग जॉब है तो जाहिर तौर पर आपको बैठना ही पड़ेगा। लेकिन अगर आप सेहत से जुड़ी हर तरह की समस्या से बचना चाहते हैं तो बीच-बीच में सीट से ब्रेक लेते रहें। कम से कम हर 45 मिनट बाद 5 मिनट का ब्रेक जरूर लें।
जब बैठना हो कई घंटें
एक ही सीट या जगह पर कई घंटे रोज बैठने के दौरान आप थोडे़-थोड़े समय बाद अपनी सिटिंग पॉजिशन चेंज करते रहें। बीच-बीच में सीट से खड़े होकर फिर बैठ जाएं। ऐसा करने से ना केवल बॉडी में मूवमेंट बना रहता है बल्कि थकान भी हावी नहीं होती।
इसलिए नहीं होती थकान
आपको लग रहा होगा कि सीट से बीच-बीच में उठने पर आखिर थकान कैस कम हो सकती है? तो इस सवाल का जवाब एक्सपर्ट्स इस तरह देते हैं कि जब हम काफी देर बैठने के बाद खड़े होते हैं तो हमारा ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है। इससे बॉडी में ऑक्सीजन लेवल भी बढ़ता है और हम ताजगी का अनुभव करते हैं।
ब्लड प्रेशर रहता है नियंत्रण में
अगर हम लगातार एक जगह पर क्रॉस लेग पॉजिशन में बैठे रहते हैं और हमें पहले से ही हाई बीपी की दिक्कत हो तो घंटों तक इस तरह बैठे रहना हमारी हालत को और अधिक बिगाड़ सकता है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप वर्किंग ऑवर्स के दौरान बीच-बीच में अपनी सीट से उठते रहें।