November 23, 2024

‘देशी फ्रिज‘ से बनी रहेगी फल और सब्जियों की ताजगी

0

 

रायपुर

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रही नरवा-गरवा-घुरुवा-बाड़ी योजना का लाभ प्रदेश के सभी किसानों को मिल रहा है। इस योजना का एक महत्वपूर्ण अंग ‘बाड़ी‘ है जिसके उचित प्रबंधन से किसान अपनी आय में काफी वृद्धि कर सकते हैं। मगर देखा गया है की कृषि उपज के भंडारण की बेहतर सुविधाएं ना उपलब्ध होने की वजह से किसानों द्वारा उगाये गए फल व सब्जी अक्सर बाजार तक पहुंचने से पहले ही खराब हो जाते हैं और उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसी दिक्कत को ध्यान में रखते हुए पिछले दिनों यहां तुलसी बाराडेरा में आयोजित राष्ट्रीय कृषि मेले में उद्यान विभाग ने ‘देशी फ्रिज‘ – जीरो एनर्जी कूल चैम्बर का प्रदर्शन किया। इस देशी फ्रिज को आई.ए.आर.आई. पूसा द्वारा विकसित किया गया है। इस फ्रिज की लागत भी कम है और इसकी संरचना भी काफी सरल है। इसे किसान अपने खेत या बाड़ी की खाली जगह में आसानी से बना सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि इस देशी फ्रिज में रखे फल और सब्जियों में जल्दी सिकुड़न नहीं आती और आद्रता भी कम नहीं होती जिस कारण इनकी ताजगी भी लम्बे समय तक बनी रहती है। उदाहरण के लिए, सामान्य तरीके से रखे गए टमाटर का जींवन दिवस 7 दिन होता है जिस अवधि में इसके वजन में 18.6 प्रतिशत की कमी आती है जबकि इस कूल चैम्बर में रखे गए टमाटर 15 दिन तक जीवित रहते हैं तथा इनके वजन में मात्र 4.4 प्रतिशत की कमी आती है। इसका फायदा उठाकर किसान अपनी उपज का भंडारण कर कुछ दिन बाद भी बाजार में बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं।

    इसके निर्माण में ईट की दो आयताकार दीवारें एक दूसरे के समानांतर बनाई जाती हैं जिनके बीच की खाली जगह को रेत द्वारा भर दिया जाता है। इस रेत पर दिन में दो बार पानी का छिड़काव किया जाता है जिससे रेत में गीलापन बना रहे और तापमान स्थिर रहे। मध्य के भाग में फल व सब्जी रखने के लिए चैम्बर बनाये जाते हैं और बांस आदि का छप्पर बना कर इस पूरी संरचना को ढक दिया जाता है ताकि ऊपर से आ रही धूप के असर को कम किया जा सके।  उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री मनोज कुमार अम्बष्ट ने बताया की जल्द ही छत्तीसगढ़ की सभी मंडियों में इस देशी फ्रिज को लगाया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *