ट्यूमर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना भी खत्म कर देता है एलोवेरा
ज्यादातर लोगों को सिर्फ यही पता है कि एलोवेरा हमारी स्किन को हेल्दी बनाने का काम करता है। इसका जेल बालों पर मास्क की तरह लगाया जा सकता है और इसे रात को स्किन पर लगाकर सोने से स्किन ग्लोइंग बनती है। लेकिन AloeVera इनसे भी कहीं अधिक खूबियों से भरपूर है। अगर इसके जूस का सेवन किया जाए यो यीस्ट इंफेक्शन, ट्यूमर और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की संभावना भी खत्म हो जाती है।
एलोवेरा बेनिफिट्स इन यूटीआई
महिलाओं में यूटीआई और यीस्ट इंफेक्शन के कई कारण होते हैं। इनमें से एक कारण यह भी है कि सफाई के बावजूद आपके इनरवियर्स में किसी तरह बैक्टीरिया रह जाते हैं। या आपके कपड़े ठीक से सूख नहीं पाए हैं। इसके अलावा हाइजीन की कमी या क्लीनिंग में साफ पानी का उपयोग ना होना भी यूटीआई और यीस्ट इंफेक्शन की एक वजह होता है।
पुरुषों में भी होता है यीस्ट इंफेक्शन
अगर किसी भी कारण से आपको यीस्ट इंफेक्शन हो गया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। एलोवेरा जेल इस परेशानी से निजात पाने के लिए आपका मददगार साथी हो सकता है। ऐसा नहीं है कि यीस्ट इंफेक्शन केवल महिलाओं को ही होता है। बल्कि पुरुष भी इस समस्या से ग्रसित हो सकते हैं। अगर आप इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं तो यहां जानें कि किस तरह एलोवेरा इससे बचने में आपकी मदद कर सकता है।
एलोवेरा की खूबियां
एलोवेरा को हममें से ज्यादातर लोग ब्यूटी प्रॉडक्ट के रूप में जानते हैं। यह सच है कि एलोवेरा हमारी स्किन को पूरा पोषण देखकर उसे जवां और हाइड्रेट रखता है। इन खूबियों के साथ ही एलोवेरा में ऐंटीइंफ्लामेंट्री प्रॉपर्टीज होती हैं। ये हमारी स्किन में किसी भी तरह के रैशेज, सूजन और जलन नहीं होने देती हैं। अपने ऐंटिबैक्टीरियल गुणों के कारण एलोवेरा हमारी स्किन को किसी भी तरह के संक्रमण से फाइट करने लायक बनाता है।
आउटर एरिया में अप्लाई करें
अगर महिलाओं या पुरुषों को प्राइवेट पार्ट के आउटर एरिया में जलन, खुजली या रैशेज की समस्या हो गई है तो आप एलोवेरा जेल को डायरेक्टली अप्लाई कर सकते हैं। यह स्किन सेल्स को रिपेयर कर बैक्टीरिया को खत्म करती है। साथ ही त्वचा को पोषण देकर उसे इंफेक्शन से लड़ने के लिए तैयार करती है।
यीस्ट इंफेक्शन के लिए
यीस्ट इंफेक्शन होने की स्थिति में आप एलोवेरा का जूस पिएं। यह पूरी तरह आयुर्वेदिक और स्वास्थ्य वर्धक होता है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर यह जूस यीस्ट इंफेक्शन को कैसे दूर करता है? दरअसल, अपनी हेल्थ प्रॉपर्टीज के कारण एलोवेरा हमारे शरीर में सफेद रक्त कणिकाओं यानी वाइट ब्लड सेल्स की मात्रा को बढ़ाता है। ये सेल्स यीस्ट इंफेक्शन को जड़ से खत्म करने का काम करती हैं।
ऐंटीसेप्टिक भी है ऐलोवेरा
एलोवेरा सिर्फ ऐंटीइंफ्लामेंट्री और ऐंटिबैक्टीरियल ही नहीं होता है बल्कि इसमें ऐंटिवायरल और ऐंटिसेप्टिक प्रॉपर्टीज भी होती हैं। इस कारण आप एलोवेरा को घाव ठीक करने के लिए भी चोट पर लगा सकते हैं। या फिर इसका जूस वायरल इंफेक्शन को दूर करने के लिए पी सकते हैं।
ट्रीटमेंट के साथ उपयोग में सावधानी
एलोवेरा जूस का उपयोग करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि जो आपकी डॉक्टर से दवाइयां चल रही हैं, उन्हें जारी रखना है। और इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सही वक्त की जानकारी जरूर लें। ताकि आपकी दवाओं का रुटीन डिस्टर्ब ना हो।
ऐंटीट्यूमर भी होता है एलोवेरा
जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन पुराने समय में आमतौर पर हर भारतीय परिवार के किचन गार्डन में मिलनेवाला एलोवेरा ऐंटीट्यूमर होता है। यानी इस सकलैंड प्लांट का नियमित रूप से जूस पीनेवाले लोग या इसके गूदे का सेवन करनेवाले लोगों को बॉडी में कहीं भी ट्यूमर का खतरा ना के बराबर रहता है।
कैंसर से बचाए एलोवेरा
एलोवेरा की हेल्थ प्रॉपर्टीज बॉडी में पनपनेवाली कैंसर सेल्स को डिऐक्टिवेट करती हैं। एलोवेरा में एमडिन, एलॉइन, एंथ्रेसिन होते हैं, ये बॉडी में मॉलेक्यूल्स के साथ मिलकर, कैंसर की कोशिकाएं पनपने की संभावना होती है, उस पार्ट में मॉलेक्यूल्स के ऐक्टिवेशन और इनऐक्टिवेशन का काम करती हैं। यानी उन मॉलेक्यूल्स और सेल्स को पनपने से रोकते हैं, जो भविष्य में कैंसर का कारण बन सकते हैं।
हेल्थ मेंटेनेंस में असरदार
एलोवेरा इनर और आउटर दोनों तरह की हेल्थ को मेंटेन करने में मददगार है। यह कई तरह की आंतरिक और बाहरी बीमारियों यानी स्किन डिजीज को खत्म करने में मददगार है। इसलिए इसे ट्रेडिशनली मेडिकेटेड प्लांट कहा जाता है।
विटमिन और मिनरल्स से भरपूर
एलोवेरा सेहत से भरी खूबियों के साथ ही विटमिन, मिनरल्स, अमीनो एसिड और एंजाइम्स जैसी कई खूबियों से भरपूर होता है। इस कारण यह एक पौधा कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में मददगार होता है।
ट्रीटमेंट फेल्यॉर से बचाए
कई अलग-अलग कारणों से दुनियाभर में हेल्थ एक्सपर्ट्स इस बात से परेशान हैं कि ड्रग रेसिस्टेंस की समस्या से ग्रसित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यानी ऐसे रोगी जिन पर दवाओं ने असर करना बंद कर दिया है। एलोवेरा अपनी ऐंटिमाइक्रोबियल ऐक्टिविटी यानी सूक्ष्मजीवरोधी गतिविधि के कारण दुनिभार के मेडिकल फील्ड में बहुत अधिक पसंद किया जाता है।
अलग-अलग स्टडीज में खुलासा
कई अलग-अलग स्टडीज में एलोवेरा की खूबियों को साबित करते हुए बताया गया है कि एलोवेरा ऐंटिफंगल और ऐंटिमाइक्रोबियल भी होता है। इसके अलग-अलग एलिमेंट्स रोगाणुरोधी एजेंट्स के रूप में काम करते हैं। इन कारणों से एलोवेरा ट्रीटमेंट फेल्यॉर का शिकार हुए लोगों के इलाज में सहायक होता है। यानी अगर आप किसी ऐसी समस्या से जूझ रहे हैं तो एलोवेरा आपके लिए मददगार हो सकता है।