ट्रस्ट के महासचिव ने राम मंदिर के लिए मांगे हर कार्यकर्ता से 10 रुपए, लाखों-करोड़ों का चंदा देने वालों पर कही ये बात
अयोध्या
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने शनिवार को संगठन के कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे राम मंदिर निर्माण के लिए प्रति व्यक्ति दस रुपये और प्रति परिवार एक सौ रुपये का योगदान दें। उन्होंने कहा कि 135 करोड़ देशवासियों की भावनाओं का मंदिर उन्हीं के सहयोग से बनेगा।
उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों रुपए देने वाले सब समय के साथी हैं और उन्हें आयकर से छूट की जरूरत है। मंदिर के लिए उनकी कोई भावना नहीं है। राय कारसेवकपुरम में 84 कोसी परिक्रमा की तैयारी के सिलसिले में आयोजित पड़ाव प्रमुखों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण में धन की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि लक्ष्मी जी तो भगवान के चरणों में ही निवास करती हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास अभी 15 लाख के चेक पड़े हैं, जिनमें दो पांच-पांच लाख के हैं।
जन्मभूमि परिसर की जमीनी हकीकत देखी
इससे पहले तीर्थक्षेत्र के महासचिव के रूप में श्री राय ने ट्रस्ट के शेष न्यासियों के साथ विराजमान रामलला के दर्शन किये। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि 28 साल बाद पहली बार जन्मभूमि परिसर की जमीनी हकीकत देखी है। कहां-कहां क्या है और कैसी-कैसी व्यवस्थाएं होंगी, इस पर आपस में बातचीत की है।
रामलला के दर्शन मार्ग की दूरी घटेगी
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासियों ने निरीक्षण के दौरान विराजमान रामलला के स्थान परिवर्तन के लिए अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री राय के अनुसार उन्होंने अधिकारियों को तीन सुझाव दिये हैं। पहला यह कि रामलला की सुरक्षा व्यवस्था में किसी प्रकार का समझौता न हो और दूसरा यह कि रामलला के दर्शन मार्ग की दूरी जितनी भी घटायी जा सके, उसे घटाया जाए। तीसरा रामलला और दर्शनार्थियों के बीच की दूरी भी जितनी हो सके, उसे कम किया जाए।
टेंट से निकलकर अस्थाई मंदिर में विराजेंगे रामलला
रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि विराजमान रामलला को अब तिरपाल के नीचे से निकाल कर अस्थाई मंदिर में प्रतिष्ठित किया जाएगा। यह मंदिर वाटर प्रूफ, फायर प्रूफ और पूर्ण रूप से सुरक्षित होगा। उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि अस्थाई मंदिर किसी धातु का होगा या फिर किसी अन्य वस्तु का। उन्होंने बताया कि मंदिर प्लाई का नहीं होगा क्योंकि लकड़ी जल्दी ही सड़ जाती है। उन्होंने कहा कि सत्तर एकड़ का प्लान तय किया जाएगा। फिलहाल मंदिर के लिए एक एकड़ और कॉरिडोर के लिए दो एकड़ भूमि ही पर्याप्त होगी।