सोलर युक्त फ्लोराईड रिमूवल प्लांट लगने से मिलने लगा शुद्ध पेयजल
जोड़ों के दर्द ,बच्चों के दांत का पीलापन एवं पेट की बीमारी से मिला निजात
रायपुर 21 फरवरी 2020/ सूरजपुर जिले के विकासखण्ड रामानुजनगर के ग्राम हनुमानगढ की बसाहट बनखेतापारा एवं विकासखण्ड ओड़गी के ग्राम देवडी की बसाहट केवटपारा एवं हरिजनपारा के नलकूप स्त्रोंत के जल में फ्लोराईड की मात्रा निर्धारित मापदण्ड 1.00 पी.पी.एम. से अधिक होने के कारण इन बसाहटों में शुद्ध पेयजल की गंभीर समस्या बनी हुई थी। फ्लोराईड प्रभावित जल स्त्रोंतो की शुद्धिकरण हेतु लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा हैण्डपंप अटैचमेन्टयुक्त फ्लोराईड रिमूवल प्लांट स्थापित किया गया था। हैण्डपंप अटैचमेन्टयुक्त फ्लोराईड रिमूवल प्लांट का सामायिक रखरखाव नहीं होने के कारण ग्रामवासियों को शुद्ध पेयजल की उपलब्धता में निरंतरता नहीं हो पा रही थी, जिसके कारण ग्रामवासियों द्वारा अषुद्ध पेयजल सेवन करने की संभावना बनी रहती थी।
जिला कलेक्टर को उक्त बसाहटों में फ्लोराईड की अधिकता एवं दुष्प्रभाव के संबंध में अवगत कराया गया तत्पश्चात कलेक्टर श्री सोनी द्वारा हनुमानगढ के बनखेतापारा में 02, विकासखण्ड ओड़गी के ग्राम देवडी के केवटपारा एवं हरिजनपारा में क्रमषः 01-01 नग सोलर आधारित फ्लोराईड रिमूवल प्लांट जिसकी प्रति यूनिट लागत रू. 10.55 लाख के मान से कुल राषि रू. 42.20 लाख की जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) मद से त्वरित स्वीकृति प्रदान की गई एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के माध्यम से तत्काल संयंत्र स्थापित कर ग्रामवासियों को फ्लोराईड रहित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने का कार्य किया गया।
फ्लोराईड प्रभावित इन बसाहटों की उपयोगिता का निरीक्षण कलेक्टर के मार्गदर्शन में 13 फरवरी 2020 को भारत सरकार, केन्द्रीय जल संवर्धन (सीडब्ल्यूसी) के उपनिदेशक श्री देवीशंकर गोयल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा विकासखण्ड रामानुजनगर के ग्राम हनुमानगढ की बसाहट बनखेतापारा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल द्वारा बसाहट में स्थापित सोलर आधारित फ्लोराईड रिमूवल प्लांट संयंत्र स्थापना के पूर्व दूषित जल के सेवन से होने वाले नुकसान एवं स्थापना उपरांत स्वास्थ्य सुधार के संबंध में चर्चा की गई। ग्रामवासियों में जिला प्रशासन के पहल से प्रसन्नता व्यक्त की गई तथा बताया गया कि संयंत्र के स्थापना उपरांत हड्डी के जोड़ो में होने वाले दर्द, बच्चों के दांत का पीलापन एवं पेट की बीमारी लगभग पूरी तरह से समाप्त हो गई है।