मर्दापाल के 50 सीटो वाले बालक छात्रावास का विधायक ने किया लोकार्पण
1 करोड़ 52 की लागत से बने छात्रावास में मर्दापाल, कड़ेनार के छात्र करेंगे अध्ययन
व्यवहारिक जीवन की सफलता के लिए शिक्षा रुपी धन है आवश्यक – श्री कश्यप
कोण्डागांव, 18 फरवरी 2020विकासखण्ड कोण्डागांव के ग्राम मर्दापाल में विगत् 17 फरवरी को क्षेत्र के विधायक श्री चंदन कश्यप द्वारा नवनिर्मित सर्वसुविधायुक्त 50 सीटर बालक छात्रावास भवन का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर विधायक श्री कश्यप ने कहा कि छात्रावास जीवन का एक छात्र के जीवन में अत्यंत महत्वूपर्ण भूमिका होती है, छात्रावास में रहने के दौरान छात्र न केवल स्वावलंबन अपितु अनुशासन का कड़ा अभ्यास करता है। इस दौरान वह आने वाले जीवन के लिए उपयोगी सभी आवश्यक नियम, साफ-सफाई, व्यवहार एवं संयम भी सीखता है। इन सब में छात्र माता-पिता से दूर होकर केवल अधीक्षको को अपने अभिभावक के रुप में अपने करीब पाता है। ऐसे में अधीक्षको का यह कर्तव्य है कि वह उनके व्यक्तित्व निर्माण में अहम भूमिका निभाये एवं छात्रों को अनुशासन में रहते हुए स्व-कर्तव्य पालन की शिक्षा दे। इस दौरान श्री कश्यप ने छात्रो को शिक्षा के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल नौकरी करने के लिए नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन की सफलता हेतु भी आवश्यक है, चाहे कृषि हो या वानिकी अथवा पशुपालन सभी को एक निश्चित तकनीकी ढंग से किए जाने पर बेहतर परिणाम पाये जा सकते है और यह केवल शिक्षा के माध्यम से ही संभव हो सकता है साथ ही उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं को अपने आसपास स्वच्छता रखने एवं मन लगाकर पढ़ने की भी समझाईश दी।
ज्ञात हो कि मर्दापाल क्षेत्र में पहले से ही छात्रावास भवन निर्मित है, परन्तु छात्रों की संख्या वृद्धि के कारण नवीन भवन की आवश्यकता कई वर्षो से महसूस की जा रही थी। इस छात्रावास भवन में छात्रों के लिए ग्रेनाईट से निर्मित बिस्तर एवं अध्ययन हेतु टेबल का निर्माण किया गया है, जिसके अंदर सामग्री एवं पुस्तकों को रखने के लिए अलग व्यवस्था की गई है साथ ही इस छात्रावास में बड़े शौचालयों एवं अतिरिक्त वासबेसिनो की सुविधा के साथ छात्रावास के समीप ही अधीक्षक एवं सुरक्षाकर्मी के आवास की व्यवस्था भी की गई है। इस मौके पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जी.एस.सोरी ने बताया कि यह छात्रावास सभी आश्रम शालाओं में छात्रावास बनाने की योजना के तहत बनाये जा रहे छात्रावासो में से एक है। इसके पश्चात केवल कड़ेनार एवं नवागांव में दो छात्रावास निर्माणाधीन शेष रह गये है।