November 24, 2024

कश्मीर पर US सेनेटर को जयशंकर ने कराया चुप

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म्यूनिख
आर्टिकल 370 से जुड़े फैसले लिए जाने के बाद वैश्विक मंचों पर कई बार कश्मीर से जुड़ा मसला उठाया गया है और इसबार यह मसला म्यूनिख सिक्यॉरिटी कॉन्फ्रेंस में उठाया गया, जहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी हाजिरजवाबी से सवाल पूछने वाले का मुंह बंद कर दिया। दरअसल, पैनल चर्चा के दौरान कश्मीर मसले का उल्लेख करते हुए अमेरिकी सेनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा कि लोकतंत्र को ठीक से चलाने का यह तरीका होगा कि कश्मीर समस्या का समाधान लोकतांत्रिक तरीके से किया जाए।

रिपब्लिकन नेता ग्राहम ने आगे कहा, 'भारत आगे बढ़ रहा है, आपके पास वैसी ही समस्याएं हैं जैसी कि हमारे देश में , आपने लोकतांत्रिक तरीका अपनाया। लेकिन कश्मीर का जब मसला आता है, मुझे नहीं पता यह कैसे खत्म होगा, लेकिन यह सुनिश्चित करें कि दो लोकतांत्रिक देश इसे अलग तरीके से समाप्त करेंगे। अगर आपने यह अवधारणा साबित कर दिया, मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र को चलाने का सही तरीका होगा।' इस बिन मांगी सलाह पर विदेश मंत्री जयशंकर ने बिना समय गंवाए जवाब दिया, 'चिंता न करें, सेनेटर। एक लोकतंत्र ऐसा करेगा, और आपको पता है कि वह कौन है।'

बता दें कि पाकिस्तान तो लगभग हर मंच पर कश्मीर का मसला उठा मध्यस्थता की अपील तक कर चुका है। वहीं, कई देश गैरजरूरी तरीके से भारत के आंतरिक मसले पर वक्त, बेवक्त टिप्पणी करते रहते हैं। अमेरिकी सेनेटर हों या यूरोपियन पार्लियामेंट के सदस्य, तुर्की के राष्ट्रपति एर्डोगन हों या मलयेशिया के पीएम महातिर इन्होंने कई बार इस मसले पर गैर-जरूरी राय जाहिर की है जिसपर भारत ने हर पुरजोर तरीके से उचित जवाब भी दिया है।

उधर, म्यूनिख सम्मेलन में विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि यह पहले जितना विश्वसनीय था, अब नहीं रहा। उन्होंने कहा, 'इतिहास में संयुक्त राष्ट्र जितना विश्वसनीय था, उतना अब नहीं है, यह पूरी तरह हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि जब आप इसके बारे में सोचते हैं, कई चीजें 75 साल पुरानी नहीं हैं और कुछ चीजें पहले जैसी अच्छी हैं। स्पष्ट है कि वहां कुछ किए जाने की जरूरत है।' म्यूनिख सिक्यॉरिटी कॉन्फ्रेंस का आयोजन 14 से 16 फरवरी को किया जा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर चर्चा का शीर्ष वैश्विक फोरम है।

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